*खेतों में पानी भर जाने एक फ़सल पूरी तरह बर्बाद, रिपोर्ट योगेश मुदगल

एटा, संवाद। जिले में बुधवार से हो रही बारिश से खरीफ फसलों के साथ सब्जी वाली सभी फसलों को नुकसान हुआ है। साथ ही जिन किसानों ने खेतों में आलू और सरसों की बुबाई कर दी थी। वह भी खेतों में पानी भर जाने से पूरी तरह बर्बाद हो गई है। जनपद में औसत बारिश 97.3 एमएम रिकार्ड की गई।
जनपद की तीनों तहसीलों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार गुरुवार सुबह नौ बजे से अगले दिन शुक्रवार नौ बजे तक सदर तहसील क्षेत्र में कुल 171 एमएम बारिश हुई है। जलेसर तहसील क्षेत्र में 90 एमएम एवं अलीगंज में कुल 31 एमएम बारिश हुई है। सबसे अधिक बारिश सदर तहसील क्षेत्र में होने से क्षेत्रीय किसानों का सर्वाधिक नुकसान हुआ है। मूसलाधार बारिश के साथ तेज हवाएं चलने से धान, मक्का एवं बाजरा की फसल खेतों में गिर गईं। जलेसर क्षेत्र में सर्वाधिक नुकसान धान, मक्का के साथ बाजरा को हुआ है। खेतों में बीते तीन दिन से पानी भरा खडा है। मक्का की फसल गिरने से सड़ने लगी है। अलीगंज क्षेत्र में धान, मक्का से अधिक गोभी की फसल को नुकसान हुआ है। वही जिन किसानों ने अगोती सरसों और आलू की फसल बोदी थी। वह भी खेतों में पानी भरने से पूरी तरह बर्बाद नष्ट हो चुकी है।
” चार बीघा खेत में सप्ताह भर पहले आलू की बुबाई कर दी थी, जिसकी लागत 40 हजार रुपये आई थी। बीज में किल्ला निकलने ही वाला था कि बारिश से खेतों में पानी भर गया। धूप निकलते ही आलू का बीज जमीन में सड़कर खत्म हो जाएगा।
राजकिशोर, गांव अमरौली अलीगंज”
गोभी की फसल को सिंचाई की बेहद कम जरुरत होती है। मात्रा से अधिक पानी मिलने के कारण गोभी की फसल नष्ट होने की कगार पर है। इसी प्रकार पानी दो दिन और पड गया तो गोभी पूरी तरह नष्ट हो जाएगी।
सुखवीर सिंह, अगोनापुर, अलीगंज।
जो पका हुआ धान मूसलाधार बारिश और तेज हवाओं से खेतों में गिर गया है। वह तो पूरी तरह बर्बाद हो चुका है। अब उसे चूहे खा जाएगे। इसके अलावा उसकी बाल फफूंद जाएगी और धान की बाल भी खाली रह जाएगी।
रामदास, गांव पहरईया, अलीगंज।
बारिश से बाजरा खेत में गिर गया है। मिट्टी लगते ही बाजरा की फसल सड़ना शुरु हो जाती है। गिरी फसल को बचाना मुश्किल है। क्षेत्र में सैकडों बीघा किसानों का सर्वाधिक धान और बाजरा बर्बाद हुआ है।
गेंदालाल, अमरोली, अलीगंज।
जनपद में धान एवं बाजरा की फसल को सदर और जलेसर क्षेत्र में अधिक नुकसान होने की संभावना है। बारिश बंद होने के बाद ही इसका आंकलन कराया जा सकेगा। अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है कि फसलों में कितना नुकसान हुआ है।
रोहिताश कुमार, उप कृषि निदेशक एटा।