नरक बनी निधोली रोड
एटा।जैसा की हम सब लोग जानते है एटा शहर मे सीवर लाईन डालने का काम चल रहा है।

जल निगम के ठेकेदार अपनी मन मर्जी से काम कर रहें है, सीवर लाईन की खुदाई करते समय जगह -जगह जमीन मे पेयजल आपूर्ति की पाईप लाईन क़ो अपने बेतरतीब काम करने के तरीके से तोड़ दे रहें है।
चलिए मान लेते है जे.सी.वीं से खुदाई करते समय पाइपलाइन टूट जाती है पर उसे सही तरह से जोड़ने और जलापूर्ति को यथास्थिति में लाना किस का कार्य है?
जल निगम ऐसी टूटी हुई पाइपलाइन क़ो वजाय जोड़ने के उन्हें बंद कर देते है, इससे ना केवल नागरिकों की जलापूर्ति बाधित होती वल्कि चलताऊ तरीके से जुड़ी हुई पाईप लाईन से जल- रिसाव शुरू हो जाता है ओर उसी जल रिसाव से सड़क धंस जाती है।
इसका जीता जागता उदाहरण निधोली रोड पर देखने क़ो मिल रहा है।
जल -रिसाव से जगह -जगह मिट्टी धंसने से रोड की स्थिति भयावह हो चुकी है।
सड़क के इस खस्ता हाल की बजह से आज एक स्कूल बस पलटने से वाल-वाल बच गई।
बस स्कूली बच्चों से भरी हुई थी।
यदि बच्चों से भरी हुई बस पलट जाती तो स्थिति की भयावहता का अंदाजा आप लगा सकते है।
निधौली रोड पर सुबह से लेकर शाम तक सैकड़ों वाहन सड़क में फस जाते हैं।
इससे स्थानीय नागरिकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
स्थानीय नागरिक जब अपनी समस्या लेकर नगरपालिका जाते हैं तो नगर पालिका जल निगम से संपर्क करने की कहती हैं,ओर जल निगम वाले आगे का कार्य कराने की जिम्मेदारी नगर पालिका पर कह कर टाल देते हैं।
ऐसे मे आम जनता की समस्या का निराकरण आखिर कौन करेगा?
आज शहर नरकीय स्थिति मे है इन परिस्थितियों की जिम्मेदारी आखिर किस की है?
पर नगर निगम के मनमाने काम पर जनप्रतिनिधियों की चुप्पी बहुत कुछ कहती है।
आखिर क्यों कोई जन प्रतिनिधि नगर निगम के होने वाले काम का औचक निरीक्षण नहीं करते ?