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भले ही चेक की डिटेल किसी अन्य व्यक्ति ने भरी हो, ड्रॉअर ही उत्तरदायी होगा; हैंडराइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट धारा 139 एनआई एक्ट के तहत अनुमान का खंडन नहीं कर सकती: सुप्रीम कोर्ट
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????सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भले ही चेक में विवरण ड्रॉअर द्वारा नहीं, बल्कि किसी अन्य व्यक्ति द्वारा भरा गया हो, चेक के लिए ड्रॉअर ही उत्तरदायी है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि चेक पर हस्ताक्षर करने पर जो धारणा पैदा होती है, उसका खंडन केवल हैंडराइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट से नहीं किया जा सकता है।
????इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने चेक बाउंस मामले में यह निर्धारित करने के लिए हैंडराइटिंग एक्सपर्ट को नियुक्त की अनुमति दी थी कि चेक में भरे गए विवरण आरोपी के थे या नहीं। ट्रायल जज ने आरोपी की ओर से दायर आवेदन को खारिज कर दिया था, जिसमें सरकारी हैंडराइटिंग एक्सपर्ट द्वारा चेक की जांच, नमूना हस्ताक्षर और आरोपी की लिखावट की जांच की मांग की गई थी। उनकी अपील को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने विवादित राइटिंग की जांच के लिए एक हैंडराइटिंग एक्सपर्ट को नियुक्त करने की अनुमति दी।
????अपील में, धारा 139 एनआई एक्ट का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि एक ड्रॉअर जो एक चेक पर हस्ताक्षर करता है और उसे पेयी को सौंपता है, उसे तब तक उत्तरदायी माना जाता है, जब तक कि किसी ऋण के भुगतान के लिए या किसी दायित्व के निर्वहन में चेक जारी करने के अनुमान को खारिज करने के लिए ड्रॉअर सबूत पेश नहीं करता है।
अपील की अनुमति देते हुए, पीठ ने आगे कहा,
❇️अपने द्वारा हस्ताक्षरित चेक सौंपने वाला ड्रॉअर तब तक उत्तरदायी होता है जब तक कि परीक्षण में साक्ष्य जोड़कर यह साबित नहीं किया जाता कि चेक किसी ऋण या दायित्व के निर्वहन में नहीं था। प्रतिवादी ने चेक में विवरण भरा था या नहीं, इस पर हैंड राइटिंग एक्सपर्ट का सबूत उस उद्देश्य को निर्धारित करने के लिए महत्वहीन होगा, जिसके लिए चेक सौंपा गया था। इसलिए, हैंडराइटिंग एक्सपर्ट के साक्ष्य को जोड़ने के लिए आवेदन की अनुमति देने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होता है।
केस डिटेल: ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स बनाम प्रबोध कुमार तेवर | 2022 लाइव लॉ (एससी) 714 | CRA 1260 of 2022| 16 अगस्त 2022 | जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एएस बोपन्ना