*पुत्री की हत्या करने वाले ब्रजवासी एक इंटर कालेज में प्राध्यापक, रिपोर्ट योगेश मुदगल

अकसर होता था झगड़ा, कई बार पुलिस तक पहुंचा मामला
~ब्रजवासी ने गांव के अन्य लोगों की मदद से साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से शव को जला दिया~
~ब्रजवासी के एक महिला के साथ अवैध संबंध~
~रात में पिता से बेटी की हो गई थी कहासुनी~
एटा।जलेसर। अपने हाथों से पुत्री को मौत के घाट उतारने वाला ब्रजवासी अक्सर पत्नी शकुंतला से झगड़ा करता था। कई बार शकुंतला ने शिकायत की और पुलिस तक मामला पहुंचा। लेकिन हर बार शांतिभंग की धाराओं के तहत ही कार्रवाई सिमटी रही और ब्रजवासी के हौंसले बढ़ते गए।
क्षेत्र के गांव गणेशपुर में रिश्तों के कत्ल की यह घटना रविवार रात को हुई थी। ब्रजवासी के अवैध संबंधों के बारे में जब उसकी 15 वर्षीय पुत्री नीलू के पता लगा तो उसने विरोध किया था। रात 2 बजे घर में काफी कलह हुई। ब्रजवासी ने पत्नी शकुंतला और एक पुत्र को कमरे में बंद कर दिया। जबकि नीलू को गला घोंटकर मार दिया। शकुंतला ने बताया कि रिश्तेदारों की ही एक युवती से पति के अवैध संबंध हैं। इसको लेकर काफी समय से विरोध करते आ रहे हैं। अक्सर पति से झगड़ा हो जाता था। वह मारपीट करता था।
मजबूरी में आठ-दस बार पुलिस को फोन कर बुलाना पड़ा, लेकिन पुलिस ने कड़ी कार्रवाई कर समस्या निस्तारण के बजाए समझौता करा दिया। चार-पांच बार पकड़कर ले गए तो 151 के तहत कार्रवाई कर दी। सीओ इरफान नासिर खान ने बताया कि पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। पिछली शिकायतों की भी जानकारी कर रहे हैं। अभी किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
शकुंतला को अपने बच्चों के भविष्य की भी चिंता सता रही है। बताया कि पति की कमाई खर्चा चलाने लायक नहीं थी। पांच बीघा का खेत है, जिससे मदद मिल जाती है। अब घर के खर्चे सहित बच्चों के भविष्य की जिम्मेदारी भी शकुंतला पर है।
आठ साल से चल रहे थे अवैध संबंध
पुत्री की हत्या करने वाले ब्रजवासी के अवैध संबंध आठ साल से चल रहे थे। संभवत इसकी जानकारी पत्नी को थी। वह किसी तरह बर्दाश्त करती रही, लेकिन जब पुत्री को पता लगा कि उसे सहन न हुआ। विरोध किया तो पिता ने उसकी ही जान ले ली। आरोपी ब्रजवासी एक इंटर कॉलेज में प्राइवेट नौकरी करता है। वह अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र है। उसकी शादी 17 साल पहले शकुंतला से हुई थी। सबसे पहली संतान नीलू हुई। इसके बाद दो पुत्र पैदा हुए। नीलू अभी कक्षा 11 में पढ़ रही थी।