कलेक्टर के चश्मे के बाद अब बांकेबिहारी मंदिर पर तैनात दरोगा की टोपी ले गया बंदर, इस तरह मिली वापस

मथुरा।बंदरों के उत्पात से आम आदमी ही नहीं अधिकारी भी परेशान हैं।बंदरों के उत्पात से लोगों का जीना दूभर हो गया है। बंदर कभी लोगों पर हमला कर देते हैं तो कभी उनका सामान लेकर भाग जाते हैं तो कभी कलेक्टर का चश्मा लेकर भाग जाते हैं।बंदरों का आतंक इस कदर है कि मथुरा के वृंदावन में ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर की सुरक्षा में तैनात दरोगा की टोपी लेकर बंदर भाग गया।ये देखकर मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई।
आपको बता दें कि वृंदावन में बंदरों की दादागिरी तेजी से बढ़ रहा है।बीते दिनों बांकेबिहारी मंदिर में निरीक्षण करने के लिए पहुंचे कलेक्टर नवनीत चहल का बंदर दादागिरी दिखाते हुए चश्मा लेकर भाग गए थे।आज मंगलवार बंदर ने दरोगा की टोपी को निशाने पर लिया।ड्यूटी पर जा रहे दरोगा के सिर से टोपी को बंदर ने झपट्टा मारकर लेकर भाग गया।दरोगा को कुछ समझ ही नहीं आया कि आखिर हुआ क्या।लोगों ने शोर मचाया तो दरोगा भी हड़बड़ा गए।सिर से टोपी गायब होने के बाद दरोगा और अन्य पुलिसकर्मी बंदर से टोपी वापस लेने की जुगत में जुट गए।ऊंचे स्थान पर बैठकर बंदर मुंह चिढ़ा रहा था।बंदर को खाने-पीने से लेकर अन्य चीजों का बहुत लालच दिया गया,लेकिन बंदर अपनी दादागिरी दिखाते हुए दरोगा की टोपी छोड़ने को तैयार नहीं हुआ।काफी मानमनौवल के बाद बंदर ने टोपी को नीचे फेंक दी।
बीते बुधवार को मथुरा कलेक्टर नवनीत चहल वृंदावन बांके बिहारी मंदिर पर निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे।कलेक्टर जैसे ही मंदिर के पास पहुंचे तो अचानक से एक बंदर उनका चश्मा लेकर भाग गया। कलेक्टर का चश्मा लेकर भागते हुए बंदर के पीछे वहां तैनात पुलिस कर्मी दौड़ पड़े, लेकिन बंदर की फुर्ती के आगे सभी पीछे रह गए।पुलिसकर्मियों ने काफी प्रयास किया, लेकिन बंदर ने चश्मा नहीं दिया। फिर स्थानीय लोगों के साथ मंदिर के गोस्वामी और पुलिस कर्मियों ने बड़ी मुश्किल से बंदर के चंगुल से कलेक्टर के चश्मे को वापस कराया।