सरकारी दफ्तरों में अधिकारी कर्मचारी मस्त… जनता त्रस्त

सरकारी दफ्तरों में हो रहे भ्रष्टाचार व दलाली को अधिकारियों का मौन समर्थन

सरकारी दफ्तरों में अधिकारी कर्मचारी मस्त… जनता त्रस्त
एटा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुरुआत से ही देश की जनता को भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने का सपना दिखाते रहे हैं लेकिन धरातल पर ऐसा कुछ होता नहीं दिख रहा है।
जिले के सरकारी दफ्तरों में अधिकारी से लेकर कर्मचारी भ्रष्टाचार मुक्त भारत अभियान की जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं, जिले के सभी विभागों में भ्रष्टाचार दलाली का बोलबाला है, सरकारी दफ्तरों में आम नागरिक बिना चढ़ावा चढ़ाए कोई कार्य नहीं करवा सकता, कई विभाग तो ऐसे हैं जिनमें भ्रष्टाचार दलाली डंके की चोट पर हो रही है उन्हें न उच्च अधिकारियों का डर है ना हीं शासन का, इस भ्रष्टाचार दलाली की भेंट कभी-कभी भाजपा के छुटभैय्ए नेता भी चढ़ जाते लेकिन इसके बावजूद भी अधिकारियों कर्मचारियों में कतई
भय नहीं।
सरकारी दफ्तरों में पनप चुके भ्रष्टाचार दलाली को लेकर आमजनता में काफी आक्रोश है लेकिन जाएं तो जाएं कहां जब सब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हों, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि ना खाऊंगा ना खाने दूंगा लेकिन जिले में विभागीय अधिकारियों का एक सूत्रीय कार्यक्रम चल रहा है खाओ और खाने दो, जब अधिकारी खाओ और खाने दो नीति के तहत विभागों को हांक रहे हैं तो ऐसे में भ्रष्टाचार मुक्त भारत अभियान कैसे सफल होगा…? फिलहाल जनपद में सांसद से लेकर सभी विधानसभाओं पर भाजपा काबिज है तो इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज कौन उठाएगा इसपर सांसद और विधायकों को सोचने की जरूरत है नहीं तो जनता यह समझ सकती है कि अधिकारियों के साथ इन नेताओं का भी भ्रष्ट विभागीय अधिकारियों को मौन समर्थन है।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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