वीरांगना अवंती बाई वन चेतना केंद्र के सौंदर्यीकरण को गोद लेंगे किसान
वन चेतना केंद्र में खंडित प्रतिमा एवं दुर्दशा पर किसानों ने आक्रोश व्यक्त किया

एटा।आपको अवगत कराना है कि अखिल भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले वीरांगना अवंती बाई वन चेतना केंद्र एटा में आज दिनांक 16.08.2022 को प्रातः 10:00 बजे से संगठन के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता एकत्रित होकर वीरांगना अवंती बाई की जयंती के पावन अवसर पर माल्यार्पण कर बड़े ही हर्षोल्लास से जयंती को मनाया गया उसके बाद बैठक का आयोजन किया गया उक्त बैठक में वीरांगना अवंती बाई वन चेतना केंद्र पर प्रकाश डालते हुए वक्ताओं ने बताया कि उक्त वन चेतना केंद्र कभी जनपद एटा ही नहीं है अपितु आसपास के जनपदों के लिए बहुत अच्छा रमणीक स्थान हुआ करता था जहां छुट्टियों के समय में जनपद एटा सहित पड़ोस के जनपदों के बच्चे बहुत बड़ी संख्या में घूमने आया करते थे यहां वन्य जीवो सहित पक्षियों के बहुत ही सुंदर दृश्य देखने को मिला करते थे लेकिन दुर्भाग्यवश शासन – प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण पूरा वन चेतना केंद्र वीरान पड़ा हुआ है उससे भी बड़े दुर्भाग्य की बात है कि वीरांगना की जिस तलवार ने एक समय हजारों फिरंगियों की गर्दन अलग कर दी थी आज विना तलवार के एटा में खंडित प्रतिमा लगी हुई है इससे बड़ा दुर्भाग्य देश वाशियों का कोई और हो ही नहीं सकता है उक्त स्थान अब केवल गन्दा तालाव नजर आता है जबकि यह स्थान कभी बहुत अच्छा रमणीक स्थान हुआ करता था उक्त स्थान की दुर्दशा पर आक्रोश व्यक्त करते हुए वक्ताओं ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि इस वीरांगना अवंती बाई जैसे महापुरुषों के फोटो को अपनी होर्डिंग पोस्टर पम्पलेट पर लगाकर बहुत सारे लोगों के जीवन का उद्धार हो गया है जो कभी प्रधान बनने की हैसियत नहीं रखते वह प्रधान से लेकर एमपी, एम एल, मंत्री भी बन गए लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि बहुत सारे लोगों के जीवन का उद्धार केवल और केवल कुछ महापुरुषों का सहारा लेकर के हुआ है लेकिन उनके द्वारा एक कदम भी उनके सौंदर्य करण, स्वाभिमान सम्मान के लिए नहीं उठाया गया है अपने प्रचार प्रसार के लिए जो लोग समाज का वोट पाने के लिए होर्डिंग पंपलेट पोस्टर आदि के प्रचार पर करोड़ों रुपए खर्च करते हैं उनकी आत्मा इतनी मर गई हैं कि महापुरुषों की स्मृति स्थलों पर 01 रुपया भी खर्च करना नहीं चाहते हैं महत्वपूर्ण बात यह है कि देश की आजादी के समय जिन वीर योद्धाओं की तलवारों ने अपने परिजनों की परिवाह किए विना अंग्रेजों के सर को कत्लेआम करने का काम किया था उसकी वजह से देश को आजादी मिली थी और इस आजादी की लड़ाई किसी भी वीर योद्धा ने अपने घर परिवार या जाति धर्म के लिए नहीं लड़ी थी अपितु उक्त लड़ाई पूरे हिंदुस्तान के सभी जाति धर्म के लोगों को आजाद कराने के लिए लड़ी गई थी जिसका लाभ सम्पूर्ण देशवासियों को समान रूप से मिला है इसलिए आवश्यकता है कि निश्चित रूप से जाति, पांत, नाक, मूछ पार्टी से ऊपर उठकर सर्व समाज के लोगों को आजादी के योद्धा वीर – वीरांगनाओं के स्वाभिमान सम्मान के लिए तन, मन, धन से सहयोग करने के लिए आगे आना चाहिए उक्त बैठक के अंत में अखिल भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी कार्यकर्ताओं ने निर्णय लिया के जिलाधिकारी एटा को पत्र सौंपकर वीरान पड़े वीरांगना अवंती बाई वन चेतना केंद्र एटा को गोद लेकर विभिन्न जाति धर्म के जनसामान्य से आर्थिक, सामाजिक और शारीरिक सहयोग लेकर बिना किसी भेदभाव के उक्त वीरांगना अवन्तिबाई वन चेतना केंद्र का सौंदर्य करण कराने का काम किया जाएगा इसके लिए सर्वसमाज के लोगों से बात मुलाकात की जाएगी।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से :- राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल संघर्षी, राष्ट्रीय महासचिव सुरेंद्र शास्त्री, प्रदेश अध्यक्ष रामकिशन यादव, रामसेवक पहलवान, हरेन्द्र राजपूत सदस्य जिला पंचायत, नगर प्रभारी जाहिद अब्बास, ओमशिव राजपूत प्रधान, राजेन्द्र सिंह, विमल लोधी, विक्रांत लोधी, सनी लोधी ठेकेदार, मुकेश कुमार, प्रमोद कुमार, उदयवीर सिंह सहित आदि लोग उपस्थित रहे।