तीस क्विंटल ग्लूकोज़ बीस ड्रम तेल के साथ एटा खाद्य विभाग ने संयुक्त स्वाट टीम कार्यवाही में पकड़ा बड़ा जखीरा, हुई सेम्पलिंग, एक गिरफ्तार!

तीस क्विंटल ग्लूकोज़ बीस ड्रम तेल के साथ एटा खाद्य विभाग ने संयुक्त स्वाट टीम कार्यवाही में पकड़ा बड़ा जखीरा, हुई सेम्पलिंग, एक गिरफ्तार! एटा मुख्यालय के कोतवाली देहात स्थित विरामपुर पर खाद्य विभाग ने स्वात विभाग की संयुक्त कार्यवाही में तीस क्विन्टल ग्लूकोज, बीस ड्रम, अठारह घी से भरे टीन के साथ भारी मात्रा में छोटे बड़े ड्रम व बाल्टी पकड़ी गई है। वही यहां इस कार्यवाही में स्वात टीम ने मालिक को गिरफ्तार कर मौके से धर दबोचा है। समाचार लिखे जाने तक एटा जिला खाद्य विभाग अधिकारी डॉक्टर स्वेता सैनी अपनी टीम में शामिल गजेंद्र सिंह व माल्ती के साथ मौके से सैंपलिंग की कार्यवाही को कराने के लिए भरे हुए सेम्पल को परीक्षण हेतु भेजने की तैयारी कर रही थी!
ग़ौरतलब हो कि देहात कोतवाली के चौथे मील स्थित विरामपुर ककरावली पर मुखिबिर की सूचना पर स्वाट टीम को एक नकली घी, दूध की बनाने की सूचना प्राप्त हुई जिस पर स्वाट टीम ने अविलंब खाद्य विभाग को सूचना से अवगत कराया जिस पर खाद्य विभाग ने मौके पर पहुचते ही संयुक्त कार्यवाही शुरू की जिसमें खाद्य विभाग ने जितेंद्र गोस्वामी पुत्र राजा राम निवासी विरामपुर कोतवाली देहात एटा के यहां तीन ठिकानों पर छापा मारा, जिसमें पुलिस को देख जितेंद्र गोस्वामी ने भाग खड़े होने का प्रयास किया! खाद्य विभाग ने जैसे ही कार्यवाही करना शुरु किया तो परिजनों ने तत्काल प्रमाण पत्रों को दिखाना शुरू कर दिया। दीघर हो कि जितेंद्र गोस्वामी को फ़साई (fassai) द्वारा प्राप्त प्रमाण पत्र में दिनांक 26 अगस्त 2017 की तारीख विधमान है जिससे यह भी स्पष्ट सा होता है कि यह काले कारोबार में काफी लंबे समय से लिप्त रहा होगा! यही नहीं खाद्य विभाग द्वारा जारी किए गए इस प्रमाण पत्र की अवधि में इस माह में समाप्ति की ओर है वही प्रमाण पत्र पर यह स्पष्ट अंकित है कि समयावधि खत्म होने से 30 दिन पूर्व ही पुनः उसकी फीस जमा करते हुए लाइसेंस को बचाया जा सकता है। यदि लाइसेंस धारक ऐसा नही करता है तब उस स्थिति में 100 रुपया रोज का हर्जाना विभाग द्वारा बसूला जाएगा लाइसेंस की पुनः प्राप्ति तक। जितेंद्र गोस्वामी के इस काले कारोबार ने विभाग व विभाग की कार्यवाही दोनों पर एक सवालिया निशान लगाकर के छोड़ दिया है। क्योंकि जनपद एटा में न जाने कितने ही ऐसे लोग है जिनको प्रमाण पत्र तो मिले है किंतु यह स्पष्ट नहीं कि विभाग ने उनका रिन्यूअल किया है अथवा नहीं, उनसे जुर्माना बसूला है अथवा नहीं। खाद्य विभाग की यह स्थिलत्ता विभागीय विभीषणों द्वारा डकारी जा रही है। स्पष्ट यह भी हो कि जनपद में बन रही मिठाई, पकवान, खाने की सामग्री में ये चौथ बसूली करते अब ये सावन या हर उस तीज त्यौहार पर नज़र आएंगे। सकीट हो या जलेसर, निधौली हो या अवागढ़ खाद्य विभाग की चुस्ती फुर्ती दिखने को नहीं मिलती, अन्यथा fasaai जैसे विभाग की कार्यवाही के शिकंजे में कोई न फसे, यह सम्भव ही नहीं।
आज विरामपुर पर पकड़े गए इस जखीरे ने यह बहुत हद तक किया है कि तुम सोते रहो, हम करते रहेंगे, न तुम सुधरोगे न हम सुधरेंगे। आज जनपद में हुई इस बड़ी कार्यवाही से न केवल विरामपुर की जनता अपितु आसपास के क्षेत्र के लोग बहुत खुश होंगे। क्योंकि यह काला कारोबार पता नहीं कब से फल फूल रहा होगा। विभागीय यदि बात करे तो विभाग को केवल त्योहारों पर ही नहीं अपितु बारह माह बिल से बाहर ही रहना होगा तब जाकर शुद्ध जीवन जी सकेंगे एटा वासी! आपको यह भी अवगत करा दें कि विरामपुर स्तिथि काले कारखाने का कारोबारी आकाश पुत्र राजाराम है जोकि समाचार लिखे जाने तक पुलिस गिरफ्त से दूर है।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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