ज्योति विश्वकर्मा अब पूरा करेंगी ओलम्पिक का सपना-

लखनऊ। विश्वकर्मा समाज की बेटी, 17 साल की ज्योति शिशु का ओलंपिक खेलने का सपना अब पूरा होता नजर आ रहा है।
बेहद गरीब परिवार की ज्योति विश्वकर्मा का चयन भारतीय खेल प्राधिकरण के एक्सिलेंस सेंटर में हो गया है।
छावनी के तोपखाना इलाके की रहने वाली ज्योति विश्वकर्मा के पिता का निधन 11 साल पहले हो गया था। घर में चार सदस्यों को पालने की जिम्मेदारी मां मंजू विश्वकर्मा पर आ गई। उन्होंने घरों पर काम करना शुरू कर दिया। इसी से किसी तरह सबका पेट भर रहा है। अब भाई अमित बेकरी में काम करने लगा है सो कुछ मदद हो जाती है। इसी तंगहाली में ज्योति ने हॉकी खेलनी शुरू की। अच्छा खेलने लगी तो एलडीए स्टेडियम अलीगंज में शिवाजी हॉकी अकादमी में प्रवेश ले लिया। तोपखाना से अलीगंज स्टेडियम 18 किलोमीटर है। सुबह साइकिल से इतनी दूर जाना और फिर वापस लौटना। शाम को भी इतना जाना और आना। हर दिन सुबह शाम दो-दो घंटे अभ्यास और 72 किलोमीटर की साइकिल यात्रा। ज्योति विश्वकर्मा की मेहनत देखकर अकादमी के कोच गौरव अवस्थी ने ज्योति को इतना तैयार कर दिया कि वह लेट हाफ के तौर पर पिछले साल राज्य सब जूनियर टीम का हिस्सा बनीं और राष्ट्रीय चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। इस बार वह राज्य जूनियर टीम की सदस्य बनीं और राष्ट्रीय जूनियर चैंपियनशिप में खेलीं। होगा। पिछले माह ज्योति ने भारतीय खेल प्राधिकरण के एक्सिलेंस सेंटर के लिए ट्रायल दिया। ज्योति को शनिवार को फोन आया कि उसका चयन हो गया है। यह खबर सुनकर ज्योति विश्वकर्मा का पूरा परिवार खुश हुआ। शिवाजी अकादमी में गौरव अवस्थी ने सभी खिलाड़ियों को लड्डू खिलाए। अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री राम आसरे विश्वकर्मा ने बधाई दी।