
पालिकाध्यक्ष के स्कूल पर चला बुलडोजर, कब्जा मुक्त कराई गई डेढ़ बीघा जमीन
उत्तर प्रदेश के जिला एटा में वर्तमान पालिकाध्यक्ष के पति और पूर्व पालिकाध्यक्ष राकेश गांधी के स्कूल पर रविवार को प्रशासन का बुलडोजर चला। यहां ग्राम समाज की जमीन पर किए गए अतिक्रमण को ध्वस्त करा डेढ़ बीघा जमीन मुक्त कराई गई। इस दौरान पूर्व व वर्तमान पालिकाध्यक्ष ने प्रशासन को अदालत से स्टे का आदेश दिखाया, लेकिन उनकी एक न सुनी गई।
घिलौआ स्थित चंद्रास्वामी इंटर कॉलेज से अतिक्रमण हटवाने के लिए प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी रविवार सुबह बुलडोजर लेकर पहुंच गए। प्रशासन के मुताबिक पूर्व पालिकाध्यक्ष राकेश गांधी ने ग्राम समाज की जमीन पर 1150 वर्ग मीटर यानी करीब डेढ़ बीघा ग्राम समाज की जमीन पर स्कूल बना लिया था। प्रशासन ने बुलडोजर के माध्यम से बाउंड्री वॉल और अतिक्रमण की जद में आ रहे दस कमरे ध्वस्त करा दिए। करीब डेढ़ घंटे में जमीन को कब्जा मुक्त करा दिया।
अतिक्रमण हटने के दौरान पालिकाध्यक्ष ने किया विरोध
ग्राम समाज की जमीन पर अतिक्रमण हटाने के दौरान पालिकाध्यक्ष मीरा गांधी भी मौके पर पहुंच गईं। उन्होंने अतिक्रमण हटाने का विरोध करते हुए कहा कि दो बार एडीएम से बात हुई है। जेसीबी को स्कूल तोड़ने से रोक दिया जाए। उन्होंने तहसीलदार से भी जेसीबी रोकने के लिए आग्रह किया लेकिन किसी ने एक न सुनी और बुलडोजर को लगातार चलाने के निर्देश दिए गए। जबकि पालिकाध्यक्ष को अलग खड़ा कर दिया गया।
साल 2004 में हुआ था बैनामा
पूर्व पालिकाध्यक्ष राकेश गांधी ने बताया कि चंद्रास्वामी इंटर कॉलेज की जमीन का बैनामा साल 2004 का है। इस पर सिविल जज न्यायालय द्वारा स्टे लगाया गया है। मामला न्यायालय में विचाराधीन है। प्रशासन ने बिना नोटिस के ही स्कूल पर बुलडोजर चलवाया है। उन्होंने कहा कि ये उनके साथ अन्याय किया गया है। हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए जिला प्रशासन को निर्देशित किया था, सुनवाई भी नहीं की गई।
नगर पालिका एटा की नहीं पहुंची जेसीबी
प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने के लिए हर बार नगर पालिका परिषद एटा की जेसीबी का प्रयोग किया जाता था, लेकिन रविवार को अतिक्रमण हटाने के लिए नगर पालिका की जेसीबी नहीं पहुंची। जिनके खिलाफ कार्रवाई हो रही थी, उनकी पत्नी ही नगर पालिका की अध्यक्ष हैं। नगर पालिका परिषद मारहरा की जेसीबी को मंगाया गया, जिससे अतिक्रमण हटाया गया।
ये बोले अधिकारी
एडीएम प्रशासन आलोक कुमार ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश पर सुनवाई की गई और तहसीलदार न्यायालय से आदेश पारित होने के बाद ही कार्रवाई की गई है। सुनवाई न किए जाने का आरोप निराधार और गलत है। स्थानीय अदालत का स्थगनादेश किसी अन्य मुद्दे को लेकर है।
ये रहे मौजूद
इस दौरान एडीएम प्रशासन आलोक कुमार, एसडीएम सदर शिव कुमार, तहसीलदार सदर सीपी सिंह, लोक निर्माण विभाग के जेई गजेंद्र सिंह, महेंद्र, विद्युत निगम के जेई संदीप कुमार समेत पुलिस बल मौजूद रहा।