एस सी समाज की महिला द्वारा तत्कालीन एडिशनल एसपी की कॉल रिकॉडिंग को सोशल मीडिया पर वायरल के खबर के प्रकाशन करने पर पत्रकार पर लिखे गये मुकदमा में न्यायलय ने दी जमानत

औरैया – जहाँ पर केन्द्र सरकार एवं मा. उच्च न्यायालय देश के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को बेहर सुरक्षा मुहैया कराने हेतु कानून बनाये है वही दूसरी ओर समाज में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सुरक्षा अधिनियम/एस. सी. व एस. टी. एक्ट बड़ा नासूर बनकर घातक बीमारी की भाँति बढ़ रहे है, स्वर्ण समाज के लिए एससीएसटी एक्ट एक घातक बीमारी से कम नही है वही पर एससी समाज को एससीएसटी एक्ट का भारी मात्रा में दुरूपयोग किया जा जिससे आपसी भाई चारा खत्म होनें के साथ साथ भारत की संस्कृति भी खतरे में है, एससीएसटी एक्ट के अनगिनत मामले फर्जी आधार हीन लिखाये जा रहे है ऐसे मामले के वादियों को सिर्फ एससीएसटी एक्ट के पीड़ित व्यक्तियों को शासन द्बारा मिलने वाली आर्थिक सहायता धनराशि प्राप्त करने के प्रलोभन या किसी ईर्ष्या के चलते लिखाये गये है, सन 2019 में औरैया के एक तत्कालीन एडिशनल एसपी जोकि एक मामले में विवेचना अधिकारी थे जिन्हें एक तथा कथित एस सी समाज की महिला ने उनको मोबाइल फोन पर कॉल करते हुए जाँच को प्रभावित करने का दबाव बनाते हुए कहा था कि दो co चक्कर में आ चुके आप चक्कर में न पड़ना, बता दूँ कि मुकदमे की वादनी कोई और नही बल्कि औरैया कचहरी के एक वकील के मुन्शी की पत्नी है, जोकि बारी बारी सन 2003 करीब आठ मुकदमे दर्ज करा चुके है,
जिनमें से लोक सेवक, राजनेताओं सहित आम किसानों पर मुकदमा लिखाकर भारी मात्र में शोषण किया जा चुका है, इसी क्रम में उक्त एस सी समाज की महिला ने औरैया के तत्कालीन एडिशनल एसपी को मोबाइल पर वार्तालाप करते हुये ने कॉल करते हुए जांच को प्रभावित करने का दबाव बनाने कॉल रिकॉडिंग को शोशल मीडिया पर वायरल किये जाने सतेन्द्र सेंगर ने दैनिक सूचना सबकी समाचार पत्र में खबर का प्रकाशन करने पर औरैया कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ जिसमें आज मा. न्यायलय एस सी एन्ड एस. टी. एक्ट औरैया ने फाइनल जमामत दे दी है, वही सतेन्द्र सेंगर ने बताया हैकि उक्त एस सी समाज की महिला द्वारा लिखाये गये किसी भी मुकदमा में किसी भी आरोपी को मा. न्यायलय ने सजा नहीं सुनाई है तो उक्त महिला या महिला का परिवार को पीड़ित न मानते हुये खबर का प्रकाशन करते उच्च न्यायलय से इस प्रकार के मामलों को संज्ञान में लेने के उद्देश्य से एस सी समाज की महिला का नाम पता फोटो सहित खबर को प्रकासित किया गया था जिसपर औरैया कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें आज मा. न्यायलय एस सी एन्ड एस. टी. एक्ट औरैया ने फाइनल जमामत दे दी है, सतेन्द्र सेंगर ने कहा हैकि मुझे मा. न्यायलय पर पूर्ण बिश्वास है कि मा न्यायलय सदैव न्यायहित ही फैसला करेंगे इतना ही नहीं सतेन्द्र सेंगर पत्रकारों व अधिवक्ताओं सहित सम्पूर्ण समाज के न्यायिक अधिकारों को सुरक्षित रखने हेतु मीडिया अधिकार मंच भारत नाम से संगठन बनाकर संघर्ष कर रहे है, वहीं सतेन्द्र सेंगर के अधिवक्ता श्री रामेन्द्र चौहान ने कहा हैकि अंधेरा कितना भी भयावह क्यों ना हो लेकिन एक छोटी सी रोशन की किरण ही उस अँधेरे को समाप्त करने के लिये पर्याप्त है, ठीक तरह सच्चाई पर चलने वाले व्यक्ति को परेशनी अवश्य हो सकती है परन्तु अंत में बिजय सच्चाई की ही होती है