हाई कोर्ट पर बयान दे फंसे अभिषेक बनर्जी, राज्यपाल ने मांगी रिपोर्ट; अदालत से मिली नसीहत

न्यायपालिका पर टिप्पणी कर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक घिरते दिख रहे हैं। गवर्नर जगदीप धनखड़ ने राज्य के मुख्य सचिव से एचके द्विवेदी से शनिवार को दिए गए अभिषेक बनर्जी के बयान को लेकर रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही दो वकील अभिषेक बनर्जी के खिलाफ अवमानना याचिका लेकर हाई कोर्ट पहुंच गए, लेकिन जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य की बेंच ने दोनों अर्जियों को खारिज कर दिया। हालांकि जज ने इस दौरान यह भी कहा कि न्यायपालिका को लेकर जनता में कोई बयान देने पर सतर्क रहना चाहिए।
उत्तर बंगाल के दौरे पर निकले गवर्नर धनखड़ ने कहा कि अभिषेक बनर्जी ने लाल रेखा को पार कर दिया है और उनका बयान कोर्ट की अवमानना करने वाला है। गवर्नर ने कई ट्वीट कर अभिषेक बनर्जी पर हमला बोला और रिपोर्ट को लेकर आदेश जारी किया है। धनखड़ ने आरोप लगाया कि अपने बयान में अभिषेक बनर्जी ने खासतौर पर जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय पर निशाना साधा था, जिन्होंने एसएससी भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। हालांकि अभिषेक बनर्जी ने अपने बयान में किसी भी जज का नाम नहीं लिया था।
बनर्जी ने पूर्वी मेदिनीपुर जिले के हल्दिया में एक रैली के दौरान कोर्ट को लेकर टिप्पणी की थी। कोलकाता हाई कोर्ट से 7 मामलों में सीबीआई जांच के आदेश देने के मामले में सांसद ने यह बयान दिया था। इसकी निंदा करते हुए राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि अभिषेक रेड लाइन क्रॉस कर रहे हैं।
किस बात पर भड़के थे अभिषेक?
दरअसल कोलकाता हाई कोर्ट ने एसएससी द्वारा भर्ती प्रक्रिया के साथ अन्य कई मामलों में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। इसके अलावा अभिषेक बनर्जी समेत टीएमसी नेताओं पर कोयला घोटाला, आय से अधिक संपत्ति और चुनावी हिंसा की जांच चल रही है। इसीलिए अभिषेक बनर्जी कोर्ट पर भड़क गए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियां उत्पीड़न कर रही हैं और बदला ले रही हैं।
बनर्जी ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। बंगाल का अपमान करने के लिए उन्हें बार-बार दिल्ली बुलाया जाता है। भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने पलटवार करते हए कहा कि सीबीआई और ईडी से बचने के लिए उन्होंने मेदिनीपुर की विरासत, आत्मा और भावना को बेच दिया है।