सलाखों के पीछे भाव की उलझने
बंदी का काव्य संग्रह उलझन हुआ विमोचन।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री ने किया विमोचन
जेल सुधारों की अनूठी पहल।

कासगंज । जेल सुधारों के क्षेत्र में पिछले 16 वर्षों से सफलतापूर्वक का कार्य करने वाले जेल सुधारक , सामाजिक कार्यकर्ताडॉ.प्रदीप रघुनंदन के प्रयासों से जनपद कारागार कासगंज के बंदी अनुराग दुबे के काव्य संग्रह उलझन का विमोचन दिल्ली में शहरी विकास मंत्री कौशल किशोर जी ने अपने आवास पर किया। काव्य संग्रह उलझन में बंदी अनुराग दुबे की 60 कविताओं को शामिल किया गया है जिसमें कारागार में रहते हुए बंदियों की मानसिक स्थितियों का विशद वर्णन है l राष्ट्रीय चेतना, समसामयिक परिस्थितियां, पर्यावरण संरक्षण ,महिला सशक्तिकरण एवं बालिका संरक्षण जैसे विषयों पर भी बंदी ने अपनी लेखनी चलाई है। ज्ञात हो कि बंदी अनुराग दुबे फर्रुखाबाद के रहने वाले हैं और वह जनपद कारागार कासगंज में निरुद्ध रहने के बाद रिहा हो चुके हैं।
काव्य संग्रह उलझन के लोकार्पण पर अपने विचार व्यक्त करते हुए केंद्रीय शहरी विकास मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि यह एक रचनात्मक प्रयास है जो सिद्ध करता है कि कारागार में रहते हुए बंदियों को अपने हुनर के हिसाब से अपने टैलेंट को विकसित करने का अवसर मिल रहा है l कारागार की भूमिका सुधार ग्रह की होती है जिसका निर्वाह जनपद कारागार कासगंज सफलतापूर्वक कर रहा है। उन्होंने जेल सुधारक डॉ प्रदीप रघुनंदन के जेल सुधार कार्यक्रमों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।
जेल सुधारक डॉ प्रदीप रघुनंदन ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कारागार आने वाला प्रत्येक व्यक्ति अपराधी नहीं होता l कभी-कभी परिस्थितियां व्यक्ति को कारागार ले आती हैl कारागार में रहते हुए व्यक्ति मानसिक रूप से ,शारीरिक रूप से स्वस्थ और सामान्य बना रहे यही हमारा प्रयास है। जेल सुधारक ने कहा कि उत्तर प्रदेश के जेलो में अभूतपूर्व प्रयोग हो रहे हैं और बंदी अपने हुनर को अधिक से अधिक परिष्कृत कर कर जनता के सामने प्रस्तुत कर रहे हैंl
रचनात्मक लेखन अभियान इसी दिशा में एक अनूठा प्रयास है इसके अलावा जेल रेडियो के माध्यम से भी बंदी अपना स्वस्थ मनोरंजन करते हुए अपने अपने अंदर की गायन वादन क्षमता को प्रस्तुत कर रहे हैं।
काव्य संग्रह उलझन के विमोचन के अवसर पर डॉ दयानंद, आदित्य शुक्ला, एडवोकेट नीरज शर्मा राहुल माथुर सुनील राजोरिया नरेंद्र पाल सिंह आदित्य मिश्रा सहित कई लोग उपस्थित थे।