थोड़ा शर्म कीजिये, अब से सुधर जाइये

सदन में पहले व्यक्तिगत टिप्पणी किसने की केशव प्रसाद मौर्य या अखिलेश यादव ने जब उपमुख्यमंत्री ने कहां विकास के लिए पैसा सैफई की जमीन बेचकर लाये अभी तो नेताजी जिंदा है सैफई की जमीन उनके नाम है तो क्या यह नेताजी मुलायम सिंह यादव का अपमान नहीं हुआ

केशव जी, पिता को लेकर आपका भावुक होना स्वाभाविक है…. जबकि आपके पिता के प्रति कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की गई, फिर भी मेरी आपसे मेरी सहानुभूति है।आशा है कि इससे सीख लेकर आप और आपकी पार्टी के लोग दूसरों के माता-पिता और पत्नी के प्रति घटिया शब्दों का प्रयोग करना बंद कर देंगे।
आपकी पार्टी के नेता और आईटी सेल के लोग हमारे नेता जी को ‘मुल्ला-यम’ सोनिया जी को ‘जर्सी गाय’ और ‘बारबाला’, थरूर की पत्नी को ‘पचास करोड़ की गर्लफ्रेंड’, पत्रकार गौरी लंकेश को ‘कुतिया’, केजरीवाल को ‘खुजलीवाल’, स्व. राजीव गांधी को ‘चोर’, नेहरू जी को ‘अय्याश’, गाँधी जी को ‘ठरकी’ और ‘चतुर बनिया’ जैसे निकृष्ट शब्दों से नवाज़ते रहते हैं, आप लोगों के अपशब्दों की फेहरिश्त इतनी लम्बी है कि सब लिखा जाय तो कागज कम पड़ जाय-कलम सूख जाय। यह सभी किसी के माता, पिता, या पत्नी हैं…. जब आप लोग इनको मां-बहन की गलियां देकर चरित्र हनन करते हैं, तो सबको दर्द होता है, सभी भावुक होते हैं।

थोड़ा शर्म कीजिये, अब से सुधर जाइये

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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