योगी सरकार का मिशन पूर्वांचल:चुनाव में लगा झटका तो बजट में मिला तोहफा,लगी सौगातों की झड़ी

योगी सरकार का मिशन पूर्वांचल:चुनाव में लगा झटका तो बजट में मिला तोहफा,लगी सौगातों की झड़ी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट गुरुवार को विधानसभा में पेश किया गया।व‍ित्त मंत्री सुरेश खन्‍ना ने बजट पेश क‍िया है।ये बजट पूर्वांचल के लिए भी काफी खास रहा। इस बजट में पूर्वांचल के लिए योगी सरकार ने खजाना खोल दिया है।विशेष क्षेत्र कार्यक्रम के तहत पूर्वांचल के लिए 700 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।आखिर पूर्वांचल पर योगी सरकार का इतना ध्यान क्यों,आओ जानें इस सवाल का जवाब।

पूर्वांचल के लिए खोला पिटारा

योगी सरकार के इस बजट में गोरखपुर और काशी में मेट्रो रेल शुरू करने के लिए पहले फेज के लिए 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। गोरखपुर में स्थापित होने वाले आयुष विश्वविद्यालय के लिए 113 करोड़ 52 लाख। संगम की रेती पर 2025 में होने वाले कुंभ की तैयारियों के लिए 100 करोड़ रुपए।काशी विश्वनाथ ज्योर्तिलिंग दर्शन और गंगा आरती दर्शन के लिए राजघाट पुल से रामनगर तक फोर लेन में मॉडल सड़क के निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपए।

बुंदेलखंड को भी मिली सौगात

वीरों की धरती बुंदेलखण्ड को विशेष क्षेत्र कार्यक्रम के तहत पूर्वांचल के साथ 700 करोड़ रुपए। बुन्देलखण्ड क्षेत्र की विशेष योजनाओं के लिए 500 करोड़ रुपए अलग से दिए जा रहे हैं।चित्रकूट धाम तीर्थ विकास के लिए 3.50 करोड़ रुपए। इसके अलावा नए औद्योगिक आस्थानों के विकास कार्यक्रम में महोबा भी शामिल है।

खाली रहा रूहेलखंड का हाथ

बजट में रूहेलखंड के हाथ कुछ नहीं लगा है। बरेली मंडल के मतदाताओं ने बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर और बदायूं की 25 में से 21 सीट भाजपा की झोली में डाली थीं।बरेली के नैनीताल रोड स्थित बिलवा में लंबे समय से कृषि विश्वविद्यालय, फतेहगंज पश्चिमी की बंद रबर फैक्ट्री की खाली भूमि पर इंडस्ट्रियल एरिया, सीबीगंज में आईटी पार्क, एम्स समेत तमाम प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने की उम्मीद थी,लेकिन कुछ भी हाथ नहीं लगा।

पूर्वांचल पर भाजपा का खास ध्यान

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में पूर्वांचल में एक अलग ही तस्‍वीर सामने आयी थी।वाराणसी, मिर्जापुर और आजमगढ़ मंडल के जिलों में समाजवादी पार्टी गठबंधन का खासा असर दिखा।आजमगढ़ और गाजीपुर के जिलों में तो भाजपा का सूपड़ा ही साफ हो गया। भाजपा गठबंधन की सीटें 41 से घटकर 29 रह गईं तो सपा गठबंधन की झोली में 31 सीटें आई, जो पिछले चुनाव से दोगुनी से ज्‍यादा हैं।आजमगढ़ लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव होने वाला है, जिसे लेकर भाजपा हर हाल में अपने नाम करना चाहती है।आजमगढ़ सपा एक मजबूत किला रहा है।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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