गंदगी से चूहे फिर चूहों को सूंघकर ही साँप आते है इस क्रम को समझिये- सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी

गंदगी से चूहे फिर चूहों को सूंघकर ही साँप आते है इस क्रम को समझिये- सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी

लेकिन सभी सर्प जहरीले भी नही होते,अतः वेवजह ही सभी सर्पों से न डरें और न ही घबराये न उन्हें मारे

इटावा। मुख्य विकास अधिकारी के दिशा निर्देशन में बेसिक शिक्षा अधिकारी के सहयोग से पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के लिये कार्यरत संस्था ओशन ऑर्गनाइजेशन फ़ॉर कंजर्वेशन ऑफ एनवायरनमेंट एंड नेचर के द्वारा स्कूल सेफ्टी (एसएस) ,स्कूल डिजास्टर मेंनेजमेंट प्लान (एसडीएमपी) के तहत राज्य आपदा विषय सर्प पहचान सर्पदंश उपचार व सर्पों का महत्व विषय पर आधारित एक महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम उच्च प्राथमिक विद्यालय राजा का बाग पर आयोजित हुआ। जागरूकता कार्यक्रम में नगर पालिका परिषद इटावा के स्वच्छता पर्यावरण एवं वन्यजीव के ब्रांड एम्बेसडर एवं मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इण्डिया के यूपी कोर्डिनेटर, वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी ने बच्चों को सारगर्भित जानकारी देकर बताया कि,स्कूल में मिड डे मील की रसोई एक ऐसी एक मात्र जगह है जहाँ पर अक्सर ही चूहे आते रहते है व उन्ही चूहों को सूंघकर अक्सर सर्प भी विद्यालय में आकर छिप जाते है। अतः स्कूल की रसोई को साफ रखें व जुलाई माह में बन्द रसोई के साथ स्टोर रूम को खोलते वक्त सावधान रहें। स्कूल साफ रखें बड़ी घास व झाड़ियां आसपास से हटवा दें। वैसे तो छोटे बड़े सर्प अक्सर ही हमारे आस पास हमे कभी भी दिखाई दे ही जाते है और हम सब उन्हें देखकर हम बेहद भयभीत भी हो जाते है या कभी कभी अनजाने में हम सर्पदंश का शिकार भी हो जाते है लेकिन हमारे आस पास दिखाई देने वाले सभी प्रकार के ज्यादातर सर्प जहरीले भी नही होते है अतः हमें उनसे डरना भी नही चाहिये। सभी सर्प किसान मित्र भी होते है जो चूहों को खाकर पर्यावरण संतुलन बनाये रखने में अपनी अहम भूमिका भी निभाते है। सम्पूर्ण भारत मे पाई जाने वाली बिग फोर प्रजाति में केवल कोबरा,करैत व रसल वाइपर को ही हमारे जनपद में अभी तक देखा गया है। इसके अलावा सभी सर्पों की प्रजातियां जहरीली ही नही होती है। कार्यक्रम में डिस्ट्रिक्ट कोर्डिनेटर डॉ पीयूष दीक्षित ने बच्चों को प्रश्नोत्तरी पहर में सामाजिक अंधविश्वास विषय पर जागरूक किया। विद्यालय इंचार्ज व प्रधानाध्यापक सुल्तान उमर खां वारसी ने संस्था ओशन को महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिये विशेष धन्यवाद देते हुए कहा कि,आज का यह जागरूकता कार्यक्रम बेहद अनूठा व ज्ञानवर्धक था इस आयोजन से हमारे विद्यालय के बच्चों का सर्पों के प्रति भय बिल्कुल ही समाप्त हो गया है मेरा यही कहना है कि ऐसा विशेष जागरूकता कार्यक्रम सभी विद्यालयों में आयोजित होना ही चाहिये जिससे कि समाज मे सर्पदंश व इलाज के प्रति जागरूकता बढ़े व ग्रामीण इलाकों में फैला अंधविश्वास खत्म हो सके। आज हमारे विद्यालय के बच्चों ने इस कार्यक्रम के माध्यम से सर्पों को पहचानने के साथ सर्पदंश के बाद का जरूरी प्राथमिक उपचार व पट्टी करना भी सीखा उन्होंने यह भी जाना कि सर्पदंश का एकमात्र इलाज एंटीवेनम ही है। यह जानकारी पाकर सभी बच्चे बेहद ही खुश हुये।जागरूकता कार्यक्रम में शरद कुमारी दीक्षित, वासिफ़ा तबस्सुम,अरुण कुमार गुप्ता,आवेश कुमार,नीतू उपस्थित रही।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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