वीर हनुमान का पाकिस्तान में आज भी मौजूद 1500 साल पुराना मंदिर कराची में स्वयंभू मूर्ति: मुस्लिम भी किया करते धर्म की इबारत धर्मगुरुओं द्वारा की जाती पूजा

!!.वीर हनुमान का पाकिस्तान में आज भी मौजूद 1500 साल पुराना मंदिर कराची में स्वयंभू मूर्ति: मुस्लिम भी किया करते धर्म की इबारत धर्मगुरुओं द्वारा की जाती पूजा.!!

विश्व में भक्ति और आस्था के कोई दायरे नहीं होते है । भगवान सार्वत्रिक ब्रह्मांड में होते है, चरचर में उनका वास होता है, यह बातें हम बचपन से सुनते हुए आ रहे है, और यह सच भी है। जी हां जहां भारत के हर एक गांव के, शहर के चौराहे पर हनुमान का मंदिर होता है। वही इसमें दुनिया के कई देश भी मौजूद है जहां भगवान हनुमान के मंदिर है, इसमें पाकिस्तान भी शामिल है, दरअसल यहां 1500 साल पुराना स्वयंभू हनुमान है। इस मंदिर की वहां बहुत मान्यता है। मुस्लिम भी किया करते धर्म की इबारत धर्मगुरुओं द्वारा पूजा की जाती है l
मंदिर में आ चुके है भगवान राम
आपको बता दें कि पाकिस्तान में स्थित इस मंदिर को पंचमुखी हनुमान मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि यह मंदिर लगभग 1500 साल पुराना है। यह मंदिर पाकिस्तान के कराची शहर के सोल्जर बाजार में स्थित है। इतना ही नहीं बल्कि मान्यता है कि इस जगह पर एक बार भगवान राम भी आ चुके हैं।
मंदिर को लेकर यह है मान्यता
इस बारे में ऐसा बताया जाता है कि इस मंदिर में मौजूद पंचमुखी हनुमान की मूर्ति साधारण मूर्ति नहीं है। जी हां दरअसल इस मूर्ति में हनुमान के सभी पांच रूप नजर आते हैं। इस मूर्ति में हनुमान के नरसिम्हा, आदिवारागा, हयग्रीव, हनुमान और गरुड़ अवतार नजर आते हैं। मान्यता है कि इस मूर्ति को किसी के द्वारा बनाया गया नहीं है बल्कि यह प्राकृतिक रूप से बनी है। मान्यता है कि इस मंदिर के 108 चक्कर लगाने से सभी तरह का दुख-दर्द खत्म हो जाता है। इस मान्यता के साथ यहां कई लोग अपनी खाली झोली भरने के लिए आते है।
बहुत पुराना है मंदिर
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। लेकिन आज जो मंदिर यहां पर स्थित है, वह 18वीं शताब्दी में दोबारा बनाया गया था। बताया जाता है कि समय-समय पर इस मंदिर का रिनोवेशन किया जाता है ताकि इसे मंदिर के रूप में संरक्षित किया जा सके। इसके लिए इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया जाता है।
आपको बता दें कि पाकिस्तान में सुरक्षित बचे ये कुछ हिन्दू मंदिरों में से एक है, जिसे बहुत ज्यादा मान्यता है। यहां मराठी, सिन्धी से लेकर बलूच तक के सभी कम्युनिटी के लोग आते हैं और भगवान हनुमान का दर्शन करते हैं। कहा जाता है कि यहां स्थित भगवान हनुमान की मूर्ति का इतिहास 17-18 लाख साल पुरानी है। बहुत कम लोगों को इस बारे में जानकारी है कि पाकिस्तान में यह भगवान हनुमान का स्वयंभू मंदिर है, जिसे वहां बहुत माना जाता है।

About The Author

निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपडेट खबर के लिए इनेबल करें OK No thanks