
#यूपीएटा-
महिलाओं ने आँचल फाड़कर गैस चूल्हा, और सिलेंडर बाधकर रख दिये–
सबसे सस्ती है खूँन खेंचने बाली सुई इसे और महंगाई के साथ पेस करदी जाए गैस सिलेंडर,50रू, और महंगा हुआ अब इसकी कीमत एक हजार को पार गई सरकार ही बताए कि एक गरीब परिवार इस गैसपर खाना बनाकर खा सकता है सब्जियों की महंगाई का वह कहर हैकि आम आदमी सब्जियां तक खाने मे असमर्थ है दाले और अन्य ठोस सामिग्री की कटोरियाँ तो पहले ही मध्यम परिवार की थाली से निकल गई फिर मेहनतकस इंसान क्या खाकर अपनी जिंदगी का भरणपोषण कर रहा होगा आधी अधूरी शक्ति से इसका अंदाजा सिर्फ वही रखता है जो सुबह से सामतक अपने और परिवार का निवाला जवानी मे बुढापे जैसे झूलते कंधों पर भार रखकर चला रहा है इसकी परवाह ना करते हुये सरकारें यह महंगाई का तोहफा किसी न किसी चीज को लेकर लगभग हर रोज की खबर मे आजाती है, आज फिर गैस ने महिलाओं की किचन से 50रू,खैच लिये ग्रामीण और शहर के कमजोर परिवारों की महिलाओं ने आँचल फाड़कर गैस चूल्हे बांधकर रख दिये कह रही है चूहा पायप काट रहे है और मिट्टी रोज साफ करने की दिक्कत खत्म हुई।
लेखिका, पत्रकार, दीप्ति चौहान।