
अवैध खनन: नदी किनारे काश्तकारों पर कार्रवाई की तैयारी
एटा। काली नदी से खनन करने वालों का जिम्मेदार पता नहीं लगा सके। इन्हें छोड़ नदी किनारे के काश्तकारों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। पैमाइश कराई गई है। इसमें 38 काश्तकारों को चिह्नित किया गया है, जिन्हें नोटिस देकर उन पर जुर्माना तय किया जाएगा। आरोप यह है कि उन्होंने अपने खेतों से होने वाले खनन की सूचना पुलिस या अन्य किसी विभाग को नहीं दी।
काली नदी किनारे चार थाना क्षेत्रों के गांवों से लगातार खनन किया जा रहा है। जबकि पूरे जिले में कोई भी खनन पट्टा आवंटित नहीं है। अवैध रूप से कई साल से यह कारोबार चल रहा है। इसके बावजूद खनन माफियाओं पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। हर महीने लाखों रुपये की बालू यहां से निकालकर बेच दी जाती है। अमर उजाला ने जब इस मुद्दे को उठाया तो प्रशासन ने कुछ सजगता दिखाने की जहमत की। हालांकि निचले स्तर पर अभी भी माफियाओं को बचाने का खेल जारी है।
खनन और राजस्व विभाग की टीम ने नदी किनारे पैमाइश कर ली। इसमें यह पता नहीं लगा पाए कि खनन कौन कर रहा है? लेकिन नदी के किनारे जिन काश्तकारों के खेत हैं, उनका चिह्नांकन जरूर किया गया है। कार्रवाई के नाम पर इन काश्तकारों पर ही सरकारी आरी चलाने की तैयारी है। इनके नाम नोटिस तैयार कर लिए गए हैं। जिनसे खनन अधिनियम के तहत जुर्माना वसूल किया जाएगा।