
निर्माणाधीन जवाहर तापीय परियोजना से इस साल भी मायूसी बनी
एटा। देशभर में छाए बिजली संकट के बीच एटा में 1320 मेगावाट क्षमता की निर्माणाधीन जवाहर तापीय परियोजना से इस साल भी मायूसी बनी हुई है। अप्रैल 2021 में हैंडओवर कर बिजली उत्पादन शुरू किया जाना था, लेकिन अभी तक निर्माण कार्य ही पूरा नहीं हो सका है। ऐसे में 2023 से पहले उत्पादन की उम्मीद भी नहीं है।
मलावन क्षेत्र में करीब 350 हेक्टेयर भूमि में निर्माणाधीन परियोजना का निर्माण कार्य दक्षिण कोरिया की कंपनी दूसान द्वारा किया जा रहा है। 660-660 मेगावाट की दो इकाइयां तैयार की जा रही हैं। 2016 में इस परियोजना पर काम शुरू कर दिया गया था। 48 महीने में प्रोजेक्ट का निर्माण पूरा कर इसे विद्युत उत्पादन निगम के हैंडओवर किया जाना था। बाद में इसका समय बढ़ा दिया गया। इसके मुताबिक अप्रैल 2021 से बिजली उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन परियोजना लेटलतीफी का शिकार हो गई। एक साल बाद भी करीब 20 फीसदी काम बचा हुआ है। जिसे पूरा करने, हैंडओवर और ट्रायल प्रक्रिया किए जाने में साल का अंत होना तय माना जा रहा है।
समय से काम होता तो व्यवस्था में दे रही होती योगदान
इस समय बिजली की मांग बेहद ज्यादा है। हालांकि उत्पादन में कोयला की कमी बाधा बनी हुई है। वहीं परियोजनाओं की काम करने की भी क्षमता होती है। ऐसे में एटा की परियोजना का निर्माण समय से पूरा हो गया होता तो यह व्यवस्थाओं में काफी महत्वपूर्ण योगदान दे रही होती।