शिवपाल आजम के साथ मिलकर अखिलेश के खिलाफ रच रहे चक्रव्यूह,सपा को देंगे बड़ा राजनीतिक जख्म

लखनऊ।उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के अंदर कुछ ठीक नहीं चल रहा हैं।सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान की नाराजगी क्या सपा मुखिया अखिलेश यादव पर भारी पड़ेगी, क्या अब आजम खान प्रसाद मुखिया शिवपाल सिंह यादव के साथ मिलकर अखिलेश यादव के खिलाफ चक्रव्यूह रचने का काम करेंगे।बैरहाल आजम खान से मिलने के बाद शिवपाल सिंह यादव कई बार कह चुके हैं कि वह जल्द ही अपनी भविष्य की योजनाओं का खुलासा करेंगे। शिवपाल सिंह यादव की भाजपा में शामिल होने की चर्चा भी जोरों पर है।इसे न तो शिवपाल सिंह यादव खारिज कर रहे हैं और न भाजपा। सूबे के राजनीतिक पंडितों का मानना है कि अगर शिवपाल सिंह यादव अपने करिश्मे से आजम खान को अखिलेश यादव से अलग करने में कामयाब हो गए तो भाजपा शिवपाल सिंह यादव को ईनाम जरूर देगी।
सीतापुर जेल में बंद सपा विधायक आजम खान के साथ शिवपाल सिंह यादव की मुलाकात को आम तौर पर एक सामान्य मुलाकात मानी जा रही है,लेकिन इस मुलाकात के अपने राजनीतिक मायने भी हैं,क्योंकि इस मुलाकात का टाइम ऐसा है,जिसे राजनीतिक पंडित समझ रहे हैं, लेकिन कोई भविष्यवाणियां नहीं हैं।इस बैठक के बाद यूपी में नए राजनीतिक समीकरण भी शुरू हो सकते हैं और सपा को भी झटका लग सकता है। इन सबके बीच आजम खान को लेकर कोई खुशखबरी आए तो कोई हैरानी नहीं होगी।आजम खान 26 महीने से जेल की चारदीवारी के बीच समय बिता रहे हैं और शिवपाल सिंह यादव ने मुलाकात के बाद कुछ ऐसे संकेत दिए हैं। जिसके बाद माना जा रहा है कि आने वाले समय में आजम खान जेल से भी बाहर आ सकते हैं,लेकिन इसके लिए उन्हें कीमत चुकानी पड़ेगी।
जेल में आजम खान से मुलाकात करने के बाद बाहर आए शिवपाल सिंह यादव ने सपा मुखिया अखिलेश यादव के साथ सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव पर निशाना साधा था,लेकिन इसी के साथ शिवपाल सिंह सिंह यादव ने एक बड़ी बात कही थी।उन्होंने कहा कि वह राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलेंगे और उनके साथ आजम खान का मुद्दा उठाएंगे।साफ है कि अगर अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव ने आजम खान की मदद नहीं की तो वह सीएम योगी आदित्यनाथ से मदद लेंगे। जिन पर आजम खान और उनके परिवार पिछले तीन साल से आरोप लगा रहा है और जिन पर आजम खान को जेल भेजने का आरोप लगाया जा रहा है।
इस समय इन राजनीतिक हालातों में शिवपाल सिंह यादव का ये बयान बेहद अहम हो जाता है,क्योंकि राजनीति में किसी भी रियायत की कीमत होती है और आजम खान को भी जेल से बाहर आने के लिए कुछ कीमत चुकानी पड़ेगी। हालांकि आजम खान ने परोक्ष रूप से व्यक्त किया है कि वह अखिलेश यादव से नाराज हैं और शिवपाल सिंह यादव के उनसे मिलने और आजम खान के लिए सीएम योगी से मदद मांगने का समय निश्चित रूप से भविष्य में किसी बड़े राजनीतिक तूफान की ओर इशारा कर रहा है।चाहे ये तूफान कुछ दिनों बाद आए या फिर लोकसभा चुनाव से पहले आए।
सपा में फिलहाल दो गुट बन चुके हैं। एक तरफ अखिलेश यादव का गुट है तो दूसरी ओर आजम खान और शिवपाल सिंह यादव की बेइज्जती से नाराज कार्यकर्ता हैं। शिवपाल सिंह यादव और आजम खान के साथ कुछ नेता भी आ सकते हैं।अखिलेश यादव खुलेआम मुलायम सिंह यादव का समर्थन करते हैं। जबकि दूसरे गुट के लोग अभी खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। आजम खान को लेकर मुस्लिम नेता एकजुट हैं और लगातार प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से अखिलेश यादव के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं,लेकिन आजम खान के इस इशारे का सभी को इंतजार है। विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट बंटवारे में आजम खान ने अपने करीब एक दर्जन मुस्लिम नेताओं के लिए टिकट की मांग की थी और इसे सपा ने खारिज कर दिया।आजम खान के करीबी नेता चुपचाप उनकी पहल का इंतजार कर रहे हैं,लेकिन आजम खान से शिवपाल सिंह यादव की मुलाकात के बाद आजम समर्थक खुश नजर आ रहे हैं।
शिवपाल सिंह यादव सपा के उन नेताओं में से एक हैं। जिसके सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से अच्छे संबंध हैं। पिछले पांच सालों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से वैचारिक मतभेद के बाद भी शिवपाल सिंह यादव उनकी तारीफ करते रहे।हालांकि इसके बदले में भाजपा और योगी आदित्यनाथ सरकार ने उन्हें इनाम भी दिया। शिवपाल सिंह यादव को लखनऊ में बड़ा बंगला मिला तो आईएएस दामाद को सभी नियमों को दरकिनार कर प्रतिनियुक्ति का विस्तार मिला।ये तो सिर्फ एक बानगी है और योगी आदित्यनाथ सरकार पूरे पांच साल से उन पर एहसान कर रही है। अब अगर शिवपाल सिंह यादव कह रहे हैं कि वह आजम खान के लिए सीएम योगी से बात करेंगे तो इसमें कोई बड़ी बात नहीं होगी। ऐसा भी हो सकता है कि शिवपाल सिंह यादव के अनुरोध पर सरकार आजम खान के खिलाफ नरम हो जाए और आजम खान को जेल से बाहर आना चाहिए।
भाजपा शिवपाल सिंह यादव और आजम खान की नाराजगी का फायदा उठाना चाहती है। अभी तक शिवपाल सिंह यादव ने भाजपा में शामिल होने के पत्ते नहीं खोले हैं और न ही इस संबंध में भाजपा की ओर से कोई पहल की गई है। ऐसे में माना जा सकता है कि आजम खान और शिवपाल सिंह यादव की मुलाकात के बाद भाजपा सपा मुखिया अखिलेश यादव को बड़ा राजनीतिक झटका देने की तैयारी कर रही है। शिवपाल सिंह यादव को पार्टी में लाने से भाजपा को कुछ खास फायदा नहीं होगा,लेकिन अगर आजम खान सपा छोड़ देते हैं तो राज्य में सपा के जनाधार को ठेस पहुंचेगी और इसका फायदा भाजपा को लोकसभा चुनाव में मिलेगा।
इस बार विधानसभा चुनाव में 90 फीसदी मुसलमानों ने सपा को वोट दिया है,लेकिन आजम खान की नाराजगी के बाद अब मुस्लिम वोटर और नेता नाराज हैं और पिछले एक महीने के दौरान सपा के कई नेताओं ने सपा पर मुस्लिम और पार्टी नेता आजम खान की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। ऐसे में अगर भाजपा आजम खान को शिवपाल के जरिए सपा से अलग कर पाती है तो यह भाजपा की बड़ी जीत होगी और इसका इनाम शिवपाल सिंह यादव को भी मिलेगा।
 
							
 
			 
			 
			