
सबसे छोटे बच्चे का सबसे बड़ा रिकॉर्ड प्रतिभा का यशस्वी
!!.मध्य प्रदेश का लिटिल ‘गूगल बॉय’: रीवा के 14 महीने के बच्चे ने 26 देशों के फ्लैग पहचाने, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम.!!
रीवा के रहने वाले 14 महीने के गूगल बॉय को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह मिली है। उसकी मेमोरी इतनी शार्प है कि जिस चीज को एक बार देख-सुन लेता है, उसे भूलता नहीं। यशस्वी के तेज दिमाग को देखते हुए शुरुआती दौर में माता-पिता ने दुनियाभर के देशों का झंडा दिखाकर सवाल-जवाब किए, तो उसने तुरंत ही सटीक जवाब दे दिए।
25 फरवरी 2022 को ऑनलाइन टेस्ट में 26 देशों के नेशनल फ्लैग को याद रखने के लिए यशस्वी का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। इसके लिए लंदन की संस्था ने उसे सर्टिफिकेट भी जारी किया है। टीम ने 8 अप्रैल को सबसे कम उम्र में 26 देशों के झंडे पहचानने के लिए यशस्वी मिश्रा को यह सम्मान दिया है।
गांव के रहने वाले हैं पिता
यशस्वी के पिता संजय मिश्रा मूलत: रीवा जिले के गुढ़ तहसील अंतर्गत अमिलिहा गांव (तमरा देश) के रहने वाले हैं। संजय मिश्रा के पिता अवनीश मिश्रा दुआरी हायर सेकंडरी स्कूल में प्राचार्य हैं, जो रीवा बस स्टैंड के समीप पैतृक मकान में रहते हैं। संजय लखनऊ में विज्ञापन कंपनी के डायरेक्टर हैं, जो परिवार समेत लखनऊ के शालीमार काॅलोनी में रहते हैं। उनके दो बेटे हैं। बड़ा बेटा पांच साल का व छोटा बेटा 14 महीने का है। यशस्वी का जन्म 25 दिसंबर 2020 को हुआ। 26 देशों के नेशनल फ्लैग को याद रखने के लिए यशस्वी का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। इसका सर्टिफिकेट दिया गया है।
26 देशों के नेशनल फ्लैग को याद रखने के लिए यशस्वी का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। इसका सर्टिफिकेट दिया गया है।
सबसे छोटे बच्चे का सबसे बड़ा रिकॉर्ड
संजय मिश्रा का कहना है कि वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन की टीम ने बताया कि यशस्वी मिश्रा सबसे छोटा बच्चा है, लेकिन उसका रिकॉर्ड सबसे बड़ा है। इन्हीं बातों को देखकर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड की टीम हैरान है। उनके पास अभी तक 14 महीने के बच्चों का कोई रिकॉर्ड नहीं था। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज l यशस्वी की मां शिवानी ने लॉ की पढ़ाई की है। पिता संजय मिश्रा एक विज्ञापन कंपनी के डायरेक्टर हैं।