उत्तर प्रदेश में फैसला ऑन दा स्पोट पुलिस मुठभेड़ ने भाजपा को संजीवनी बूटी देने का काम किया है
उत्तर प्रदेश पुलिस की भारत बर्ष में अपनी एक साख बन गयी है,
उत्तर प्रदेश पुलिस कमिश्नर अरूण असीम पुलिस की संजीवनी बूटी से ही उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री होगे
एटा जनपद उत्तर प्रदेश पुलिस से माँग करता है, जलेसर काण्ड में पुलिस मुठभेड़ से जनपद में अपराधियों की गर्मी ठण्डी होगी

महामृत्युंजय दर्शन दैनिक दिल्ली डैस्क/उत्तर प्रदेश में चारो तरफ राम राज्य है, इसका मूल मंत्र फैसला ऑन दा स्पोट पुलिस मुठभेड़ है, आपको बता दू कानून ब्यवस्था में चार चांद लगाने वाले मंत्र फैसला ऑन दा स्पोट पुलिस मुठभेड़ ने उत्तर प्रदेश में भाजपा को संजीवनी बूटी देने का काम किया है,
उदय शंकर सिंह बरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एटा के कार्याकाल में पुलिस की कलई खोल के रख दी है
आजा उत्तर प्रदेश में एटा पुलिस बदनामी का मखोटा पहने है,घण्टे दर घण्टे बढ रहे है, लेकिन पुलिस नाकाम होने कारण आखिर क्या है, अनुज चौहान प्रभारी एसओजी टीम के संरक्षण में अपराधी को पनाह मिल रही है, लाख रुपये माह की ऊपरी कमाई प्रभारी को माला माल वना रही है, पूर्व प्रभारी एक दिन में जलेसर काण्ड खोलकर रख देते,
लेकिन प्रभारी आज कश्यप जलेसर काण्ड जातीय मद्त देने में जुटे है,
उदय शंकर सिंह बरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एटा वेदाग कार्यकाल में स्वच्छ छवि के सन्देश को उन्ही की पुलिस पलीता लगाने पर जुटी है, कप्तान ने जाति पात से उठ कर पुलिस ताबड़तोड़ पुलिस कार्यवाहिया करा कर जो सन्देश उत्तर प्रदेश में जनपद एटा का भेजा था, वो संदेश खराब करने अपराधी/माफिया एक जुट हो कर रोज जनपद में लासो के ठेर लगा रहे है, यह एक कामयाब पुलिस कप्तान के खिलाफ षडयंत्र है, एटा में पनपते माफिया/अपराधियो पर अब अंकुश पाने का एक मात्र रास्ता बचा है, अपराधियो की पुलिस मुठभेड़ से ही इनकी गर्मी ठण्डी की जा सकती है, पुलिस का माहोल उत्तर प्रदेश में पुलिस मुठभेड़ फैसला ऑन दा स्पोट से बना है, मैं आज अपनी कलम लिख रहा हूँ, उत्तर प्रदेश में माफिया पर सिर्फ काबू एक ही मंत्र से पाया जा सकता है, फैसला ऑन दा स्पोट पुलिस मुठभेड़