भ्रूण हत्या मे लगी लगाम से बेटियों की जन्म दर बड़ी

एटा- बेटियां कोख में सुरक्षित हो रही हैं, इससे से बालिकाओं की जन्मदर में वृद्धि हुई है। इस वृद्धि ने बेटी बचाओ का नारा मजबूत किया है। लोगों की सोच बदली तो बेटियों के लिंगानुपात के सुधार में मदद मिली है। एक साल में यह 913 से बढ़कर 940 पर पहुंच गया है।
गर्भ में ही बेटियों की हत्या कराने की वजह से लिंगानुपात गिरता जा रहा था। शासन-प्रशासन की सख्ती के अलावा लोग जागरुक हुए हैं और उनकी सोच बदली है। अब वह बेटियों को खुशी से स्वीकार कर रहे हैं। जिसके चलते बालिका जन्मदर में वृद्धि हुई है। बेटियों के जन्मदर में वृद्धि होने से स्वास्थ्य विभाग भी आशांवित है।
पिछले वर्ष की अपेक्षा बेटियों की जन्मदर में वृद्धि हुई है, इससे लिंगानुपात में सुधार आया है। वर्ष 2020 में 913 जन्मदर लिंगानुपात था जो वर्ष 2021 में बढ़कर 940 पहुंच गया है। इससे साबित हो रहा है कि बेटियां कोख में सुरक्षित हो रही हैं, जिसके दूरगामी परिणाम और बेहतर होंगे।
डॉ. उमेश कुमार त्रिपाठी, सीएमओ
आंकड़ों पर एक नजर जन्मदर लिंगानुपात
वर्ष 2020 में जन्मदर – 913.23
वर्ष 2021 में जन्मदर – 940.27
वर्ष 2021 में माह वार जन्मदर लिंगानुपात
जनवरी- 962.26
फरवरी – 925.76
मार्च – 922.48
अप्रैल- 933.75
मई- 922.68
जून- 922.01
जुलाई- 949.26
अगस्त – 949.10
सितंबर- 948.97
अक्तूबर- 949.06
नवंबर- 949-23
दिसंबर- 949.72
कुल – 940.27