
पत्रकार राजेन्द्र द्विवेदी एवं अन्य को एनेक्सी मीडिया सेन्टर में दी गयी श्रद्धांजलि।
लखनऊ। राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी ने कहा कि वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र द्विवेदी जी निधन हम सब के लिए दुखद।पत्रकारिता क्षेत्र में शोक काॅल चल रहा। वे हम सबके बीच दद्दा के नाम से विख्यात थे।नए पत्रकारो को बहुत सहयोग करते थे।पत्रकारों के सुख दुख में हमेशा खड़े रहते थे।पत्रकारों के सामने अब दुश्वारियां बढ़ी है।जीवन -मृत्यु शाश्वत है।हम सबको एक-दूसरे के सुख-दुख में खड़े रहना होगा।दिवंगत पत्रकारों पर एक सारगर्भित पुस्तक का संकलन किए जाने का निर्णय लिया गया है।इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार प्रद्युम्न तिवारी ने कहा कि राजेन्द्र द्विवेदी जी दद्दा के नाम से मशहूर थे तो उनका आचरण भी वैसा था वे सबकी मदद को तत्पर रहते थे।वे लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के महामंत्री भी रहे। आज अखबार से उन्होंने पत्रकारिता शुरु की और आजीवन इसी अखबार में रहे। संपादक पद का दायित्व बहुत बेहतर ढ़ंग से निभाया।इस अवसर पर ओम नरेश दीक्षित जी ने उनको याद करते हुए कहा कि राजेन्द्र द्विवेदी जी इटावा के मूल निवासी बहुत ही कर्मठ और दूरदर्शी व्यक्तित्व के धनी थे राजेन्द्र जी।उस दौर में पत्रकारों का प्रभाव व्यापक होता था।उन्होंने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया।पत्रकारिता के लिए वे एक छाप छोड़कर गए।
इस अवसर पर राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति के सचिव शिवशरण सिंह ने कहा कि नए पत्रकारों को अपनी पुरानी पीढ़ी के पत्रकारों से सीख लेनी चाहिए। उन्होंने समिति के कोषाध्यक्ष आलोक त्रिपाठी की माता जी और वरिष्ठ पत्रकार अशोक नवरत्न की पत्नी के निधन पर भी शोक व्यक्त किया। कार्यक्रम में आज अखबार के पत्रकार और समिति के संयुक्त सचिव सुरेश यादव ने कहा कि दो दशक तक वे दद्दा के मार्गदर्शन में कार्य कर बहुत कुछ सीखने का मौका मिला।उन्होने दद्दा की कर्मठता के संस्मरण भी सुनाए।बीमार रहने के बावजूद भी वह अखबार के 12 पेज स्वयं देखने के बाद ही दफ्तर से जाते थे।राजनीतिक पहुंच के बाद भी उन्हे पद का कोई प्रलोभन नहीं था। मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ,वीर बहादुर सिंह और मुलायम सिंह यादव उनको व्यक्तिगत रुप से जानते थे।उनका बड़ा सम्मान करते थे।