शुक्लागंज के बीच नए पुल की तलाश की जाने लगी संभावनाएं, ऐसे हैं विकल्प

शुक्लागंज के बीच नए पुल की तलाश की जाने लगी संभावनाएं, ऐसे हैं विकल्प
कानपुर और शुक्लागंज के बीच यातायात की जटिलताओं का समाधान निकालने के लिए संभावनाओं का टटोलना शुरू हो गया है. इसको लेकर कमिश्नर ने सेतु निर्माण निगम के अधिकारियों के साथ मौका मुआयना किया. इस दौरान जहां बंद पड़े पुल पर यातायात की संभावनाओं को तलाशा गया, वहीं नए सेतु को लेकर भी फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया.
कानपुर और शुक्लागंज के बीच अंग्रेजों के जमाने का पुल जर्जर होने की वजह से उस पर यातायात बंद कर दिया गया है. इसकी वजह से अब नए पुल पर यातायात का अत्यधिक दबाव है, जिसकी वजह से यहां पर अक्सर जाम लगा रहता है. सन 1875 में गंगा पर बने अंग्रेजों के जमाने के इस पुल पर ट्रैफिक शुरू करने की स्टडी को लेकर 19.81 लाख का इस्टीमेट तैयार किया गया था. कमिश्नर राज शेखर के अनुसार, इसमें जो आपत्तियां आई हैं, उसका निस्तारण कर इसे फिर से पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता को भेजा जा रहा है. हालांकि, माना जा रहा है कि इस पुल के सुदृढ़ीकरण के बाद भी इस पर भारी यातायात चलना असंभव सा लगता है. इसी को लेकर निरीक्षण के दौरान इस पर मंथन हुआ कि झाड़ीबाबा तिराहे से पूर्व निर्मित पुराने कैनाल, जो वर्तमान में निष्क्रिय है, के एलाइमेंट में में नया पुल प्रस्तावित किया गया, जो सीधे शुक्लागंज पक्का घाट (बाढ़ गंगा चौकी) पर जाएगा और वहाँ से आरओबी का निर्माण करते हुए बालू घाट मोड़ तक जायेगा. हालांकि, इसके एलाइनमेंट में तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं. कमिश्नर का कहना है कि कानपुर की तरफ एक हाईटेंशन टावर पड़ रहा है, जिसकी वजह से भूमि आर्डिनेंस फैक्ट्री की लेनी पड़ेगी. इसी प्रकार शुक्लागंज की तरफ पुल के एलाइनमेंट में कई छोटे-बड़े भवन है, जिनकी अधिग्रहण की कार्यवाही किया जाना अति आवश्यक होगा
वहीं, दूसरे विकल्प के रूप में क्षतिग्रस्त गंगा सेतु के बगल में अपस्ट्रीम में एक नवीन सेतु प्रस्तावित किया जा सकता है परन्तु इसके पहुंच मार्ग में नवनिर्मित सेतु की सर्विस रोड आने के कारण इस मार्ग की चौड़ाई मात्र 3.75 मी0 ही रह जायेगी, जिसके चौड़ीकरण के लिए ओईएफ से अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता होगी. वहीं, शुक्लागंज की तरफ भी कई भवन पड़ रहे हैं. हालांकि, यहां पर रेलवे क्रॉसिंग की समस्या आ रही है. इसे देखते हुए कमिश्नर ने प्रस्तावित एलाइनमेंट की फिजिबिलिटी स्टडी तैयार करने के निर्देश देते हुए एक कमेटी गठित की है. यह कमेटी शुक्लागंज-उन्नाव को जोड़ने हेतु प्रस्तावित संरेखण की भूमि उपलब्धता, पुल निर्माण की सम्भावना पर अध्ययन कर फिजिबिलिटी रिपोर्ट एक माह में देगी.

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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