एटा में विधानसभा चुनाव पर एक नजर। भाजपा,बसपा,सपा,कॉन्ग्रेस

एटा में विधानसभा चुनाव पर एक नजर। भाजपा,बसपा,सपा,
तू डाल-डाल मैं पात-पात।
उत्तर प्रदेश में होने जा रहे 2022 विधानसभा चुनाव में एटा जनपद में 20 फरवरी को मतदान होगा,सभी पार्टियों ने अपने अपने प्रत्यासियों को चुनावी जंग में उतार दिया है, नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब सभी पार्टियों के प्रत्यासियों ने जन सम्पर्क अभियान सुरु कर दिया है,ज्यों-ज्यों मतदान की तिथि नजदीक आ रही है,वैसे ही मतदाताओं को अपनी अपनी पार्टी के पक्ष में करने के लिए प्रत्यासियों द्वारा राजनीति के गुण श्याम,दाम, दंड, भेद के अंतर्गत जनसम्पर्क अभियान में भी तेजी लाई जा रही है, मुख्यतः एटा जनपद में जिन पार्टियों में चुनावी जंग होना दिख रहा है उनमें भाजपा,सपा और बसपा के प्रत्याशियों के मध्य चुनाव प्रचार बहुत तेजी पकड़ रहा है। वर्तमान में एटा जनपद की चारों विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है, इनमें 103 अलीगंज विधानसभा से वर्तमान विधायक सत्यपाल सिंह राठौर,एटा सदर से विपिन वर्मा डेविड,मारहरा से बीरेंद्र सिंह लोधी,जलेसर सुरक्षित से संजीव दिवाकर को ही भाजपा ने चुनाव में उतारा है,वही सपा ने भी विगत 2017 चुनाव में अलीगंज से रामेश्वर सिंह यादव,एटा सदर से उनके अनुज जुगेंद्र सिंह यादव,मारहरा से अमित गौरव यादव,जलेसर सुरक्षित से रणजीत सुमन को पर ही पुनः चुनावी समर में विश्वास जताया है, इन सभी के विपरीत बसपा ने जिस तरह से अलीगंज विधानसभा सीट से मुस्लिम प्रत्यासी सऊद अली उर्फ जुनैद मियां,एटा सदर से पूर्व जिलापंचायत अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अजय यादव को,मारहरा सीट से योगेश शाक्य,जलेसर सुरक्षित से आकाश जाटव को चुनावी दंगल में उतार कर खलबली मचा दी है, एटा की चारों सीटों पर पुनः भगवा फहराने की जिम्मेदारी भाजपा ने अपने अभी जीते हुए विधायकों के कंधों पर डाली है, तो वही सपा प्रत्यासी पूर्व में हुई हार का बदला लेने के लिए इस चुनाव में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते,लेकिन इन सभी की रात की नींद और दिन के चैन को बसपा प्रत्यासियों ने उड़ा रखा है, क्योंकि अलीगंज में मुस्लिम यादव गठजोड़ टूट गया है, वही एटा सदर से बसपा के यादव प्रत्यासी होने से जनपद एटा की विधानसभा चुनाव की तस्वीर बदलती नजर आ रही है।फिलहाल सभी पार्टियों के उम्मीदवार अपनी अपनी जीत के लिए जनता के मध्य जा-जाकर अपनी-अपनी पार्टियों के घोषणा पत्र के बारे में,क्षेत्र के विकास के बारे में,खुलकर जनता से संवाद कर रहे हैं।अब 20 फरवरी को होने वाले मतदान के दिन जनता अपने मताधिकार का प्रयोग कर किस प्रत्यासी के भाग्य को ईवीएम में बन्द करेगी,इसका निर्णय तो 10 मार्च को चुनाव परिणाम आने पर स्पष्ट हो जाएगा।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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