
शर्म करो देश के नेताओं सब कुछ मुफ्त बांटोगे और टेक्स बसूल करोगे व्यापारियों से।
बिजली मुफ्त,पानी मुफ्त,लेपटॉप,स्कूटी,का लोभ देकर जनता को ठगने का काम कर रहे देश के राजनैतिक दल।
नेताओं के पास अकूत सम्पत्ति कहा से आई?
चुनाव आयोग को इन सभी पर रोक लगानी चाहिए।
देश की आजादी के बाद भारतीय संविधान के अनुरूप चुनाव प्रक्रिया के तहत देश मे लोकसभा और विधानसभा के चुनाव आरम्भ हुए,लोकतांत्रिक व्यवस्था के अंतर्गत देश की विभिन्न पार्टियों के द्वारा चुनाव लड़े गए,तब किसी तरह का प्रलोभन जनता को वोट पाने के लिए नहीं दिए जाते थे।उस समय देश के अंदर गिनी चुनी पार्टियां ही होती थी,देश मे कांग्रेस शासन में लगाई गई इमरजेंसी में तमाम विरोधी दलों के नेताओं को जेल में डाल दिया गया, इसका परिणाम क्या हुआ, इसका देश की जनता ने जबाब देकर कांग्रेस को बता दिया,उसके बाद देश के कानून की ढुलमुल नीतियों के चलते भारत मे कुकुरमुत्तों की तरह तमाम क्षेत्रीय पार्टियों ने जन्म ले लिया।बस यहीं से देश के अंदर जातिवादी राजनीति का प्रादुर्भाव तो हुआ ही अपितु राजनीति में अपराधीकरण का भी बोलबाला आरम्भ हो गया।चुनाव आयोग ने इस तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया,जिसकी बजह से अनपढ़ लोग राजनीति की शान बन बैठे,और देश के पतन की सुरुआत हो गई।यदि तमाम चुनावी नियमों के चलते चुनाव आयोग ने सांसद,विधायक पदों के प्रत्याशियों के लिए शिक्षा का नियम लागू कर दिया होता तो देश की तस्वीर बहुत पहले ही कुछ और होती।देश की संसद से लेकर विधानसभाओं में भी अपराधी,माफिया,यहां तक कि डकैत तक चुनकर वहाँ की शान बने,ऐसे में संसद और विधानसभाओं में नैतिकता की बात बेईमानी होगी।वर्तमान में जिस तरह से जनता को स्कूटी मुफ्त,,बिजली पानी मुफ्त,लेपटॉप मुफ्त,सिचाई मुफ्त,राशन मुफ्त,का प्रलोभन देकर वोट की राजनीति ने जन्म लिया है उससे देश का सत्यानाश करके रख दिया है, अब जरा सोचो कि जब जनता को हर चीज फ्री दी जाएगी,तो सरकारी खजाने खाली हो जायेगे,फिर इसकी भरपाई कहा से की जाएगी,यह एक विचारणीय पहलू है। यहां पर एक बात उजागर करना बहुत जरूरी है,जिन नेताओं के पास गुजारा करने को पैसे नहीं होते थे,आज करोड़ो रूपये कहा से आये,कहा से हजारों बीघा जमीनों के मालिक बने, और अकूत सम्पत्ति एकत्र कर ली,तो इसका एक ही जबाब है कि यह सब सम्पत्ति बेईमानी से जनता का खून चूसकर एकत्र की गई है।अब आइए प्रमुख मुद्दे पर जब देश मे चुनाव के समय सभी पार्टियां जनता को हर चीज मुफ्त बांटेगी तो देश की आर्थिक स्थिति क्या होगी इसका अंदाजा कौन लगाएगा, और इसी आर्थिक स्थिति को सभालने के लिए देश के उद्यमियों, मझोले व्यापारियों,के ऊपर इतने टेक्स लगाकर उनसे वसूली की जाएगी,ताकि देश का व्यापारी अपने परिवार के साथ आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाए। यदि देश को तरक्की के मार्ग पर ले जाना है, तो चुनाव आयोग को चाहिए कि जो भी पार्टी जनता को प्रलोभन देकर वोट की राजनीति करे उसकी मान्यता तुरन्त प्रभाव से खत्म कर दी जाए,तभी राष्ट्र निर्माण का रास्ता साफ होगा और देश फिर से सोने की चिड़िया कह लाएगा।विचार