बिजली विभाग का आउट सोर्सिंग कर्मचारी लड़ रहा जिंदगी की ज़ंग

बिजली विभाग का आउट सोर्सिंग कर्मचारी लड़ रहा जिंदगी की ज़ंग

विभाग की लापरवाही से विद्युत करंट लगने से हुआ था हादसे का शिकार

गरीबों की लड़ाई लड़ने वाले अगस्त क्रांति मंच के संयोजक कुंज बिहारी तिवारी ने प्रशासन पर उठाए गंभीर सवाल

प्रशासन मौन, अभिनेता सोनू सूद से मिला मदद का आश्वासन

रीवा आउट सोर्सिंग के माध्यम से रखे गये बिजली विभाग के कर्मचारियों शोषण और विभाग की मनमानी के चलते एक और युवा कर्मचारी करंट लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया और संजय गांधी अस्पताल मे जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है। लेकिन विभाग और प्रशासन की मनमानी, लापरवाही ,अनदेखी और संवेदनहीनता एक बार फिर सामने आई है।
मामला रीवा जिले के मऊगंज डिवीजन अंतर्गत देवतालाब डी सी का है जहां विद्युत मण्डल का आउट सोर्सिंग कर्मचारी जो कि डी सी आपरेटर है बीते 24 जनवरी को थ्री फेस करते समय अचानक न्यूट्रल मे करेंट उतरने से दुर्घटनाग्रस्त होकर गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसे संजय गांधी हास्पिटल मे भर्ती कराया गया,जहां आपरेटर संजीव चतुर्वेदी जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहा था जहां से बाद मे बंसल हास्पिटल भोपाल के लिए रेफर कर दिए गये किन्तु न तो प्रशासन और न ही विभाग कोई सुध ले रहा न ही कोई आर्थिक मदद मुहैया कराई गई।
बिजली कंपनी की मनमानी और शोषण का यह कोई पहला मामला नहीं है, इसके पूर्व भी मऊगंज मे अनिल गुप्ता नामक कर्मचारी के साथ भी ऐसा ही हादसा हुआ था जहां पूर्व विधायक सुखेन्द्र सिंह की उपस्थिति में कम्पनी द्वारा आठ लाख की आर्थिक मदद देने का वादा किया गया था किंतु बाद में एक रुपये भी नहीं दिए गये। इसी तरह नईगढ़ी क्षेत्र मे भी एक आउट सोर्सिंग कर्मचारी गम्भीर रूप से घायल हो कर जिंदगी भर के लिए विकलांग हो गया था।

उधर बिजली कंपनी की मनमानी और शोषण के ख़िलाफ़ क्षेत्र के प्रसिद्ध समाजसेवी और लगातार गरीबों की लड़ाई लड़ने वाले अगस्त क्रांति मंच के संयोजक कुंज बिहारी तिवारी ने कम्पनी और प्रशासन द्वारा की जा रही उपेक्षा पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि कर्मचारियों को डरा धमका कर उनसे मनमानी काम लिया जाता है तथा उन्हें खंभे मे चढ़ने के लिए मजबूर किया जाता है जबकि उनकी नियुक्ति दूसरे कार्यों के लिए की जाती है। साथ ही बिजली कम्पनियों द्वारा कर्मचारियों का पी एफ कटौती का पैसा भी न देने का आरोप लगाते हुए, संजीव चतुर्वेदी के इलाज की व्यवस्था करने और 50 लाख रुपये क्षतिपूर्ति राशि दिए जाने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि कम्पनी ने कर्मचारियों के पी एफ फंड का पैसा नहीं जमा कराया, जिस पर कम्पनी के ख़िलाफ़ एफ आई आर दर्ज करानी थी किन्तु सभी दलों के सफेद पोश नेताओ के संरक्षण और मिली भगत के चलते कम्पनी के ख़िलाफ़ एफ आई आर नहीं करायी गई। यदि पी एफ कटौती का पैसा जमा होता तो कर्मचारी को 10 लाख रुपये के अलावा पेंशन भी मिलती।
अगस्त क्रांति मंच के संयोजक कुंज बिहारी तिवारी ने यह भी जानकारी दी है कि ट्विटर पर उनके द्वारा किए गए अनुरोध पर अभिनेता सोनू सूद ने संजीव चतुर्वेदी के इलाज का पूरा खर्च देने और इलाज के लिये सूरत लाने की बात भी कही गई है।
बहरहाल समाजसेवी कुंज बिहारी तिवारी और अभिनेता सोनू सूद जिंदगी की ज़ंग लड़ रहे संजीव चतुर्वेदी के लिए मसीहा बनकर सामने आए हैं किन्तु प्रशासन की सम्वेदनशीलता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

About The Author

निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपडेट खबर के लिए इनेबल करें OK No thanks