असम्भव को सम्भव कर दें… सम्भव है???

असम्भव को सम्भव कर दें… सम्भव है???

गृह मंत्री अमित शाह जमीनी नेता हैं तो वही स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह भी जमीनी राजनीति किया करते थे।लेकिन आज की स्थिति में बीजेपी के गणित पच्छिमी क्षेत्र में बिगड़ ही नहीं रहें है। बीजेपी की हकीकत भी बता रही है। बीजेपी के नेताओं को गाँव देहात से भगाने में भी जाट समुदाय का युवा आगे आ गया है।जिसका सीधा असर उत्तर प्रदेश के आम वोटर पर भी हो रहा है।2014 से 2019 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बनाये गये राष्ट्रवाद के नाम पर वोट दिया गया था।लेकिन जाट कहता है कि जितने जाट दंगों में नहीं मरे थे उससे ज्यादा जाट किसान आंदोलन करते हुए शहीद हुए है और बीजेपी किसान की मौत पर आंदोलनजीवी जैसे नाम दें रही थीं।लेकिन उत्तर प्रदेश की राजनीति के चुनाव देश के गणित को बिगाड़ सकती है।यहीं कहने के लिए गृह मंत्री और बीजेपी के चाणक्य अमित शाह आज जाट समुदाय के करीब 200 नेताओं से मिले और बीजेपी से हुई गलतियों को छोड़ आगे बढ़ने की बात की गई और जाट वोटर को बीजेपी के लिए लामबंद करने की अपील भी की गई।जाट समुदाय को आरक्षण व तमाम अन्य मुद्दों को लेकर भी चर्चा की गई।अमित शाह नें दिल पर हाथ रख कर आरक्षण दिलाने के लिए वादा भी किया है।

पच्छिम के चुनाव में जयंत कहीं खो ना जाये… क्यूंकि यें शाह है

अमित शाह की राजनीति के ग्राफ पर गौर करें तो जयंत चौधरी कहीं भी नहीं टिकते है।क्यूंकि अमित शाह नें अपने चातूर्य और बुद्धि विवेक से बड़े-बड़े युद्ध को पलों में बदल दिया है।इसका बड़ा उदाहरण पिछले बर्ष हुए विधानसभा चुनाव पच्छिम बंगाल का सभी नें देखा ही हैं।जहाँ करीव-करीब बीजेपी को पाँव रखने की भी इजाजत नहीं थीं। जिस प्रदेश पर करीब 35 बर्ष शासन करने वाले CPI के नेता भी चुनावों से नदारद थे या फिर ममता बनर्जी के पावों में पड़े थे।जिस प्रदेश में बीजेपी के सिर्फ सात विधायक हुआ करते थे।वहां इस समय 77 विधायक बीजेपी नें अपने बैठा दिये है।और फिर ये तो उत्तर प्रदेश हैं जो बंगाल की राजनीति के अनुसार बहुत ही कमजोर हैं।ऐसे में यह तय मान कर चला जाना चाहिए कि बीजेपी पासा ही नहीं पलट देगी.. पच्छिम के जयंत चौधरी जैसे नेताओं को अमित शाह समझायेंगे कि बेटा तुम अभी बहुत छोटे हो।तुम्हारे पिता जी हम गुजरातियों को नहीं समझ पाए थे।

इतिहास भी जान लीजिये..

एक वाक्या….2014 के आम चुनाव शुरू हो चुके थे और जयंत चौधरी के पिता अजित सिंह चौधरी उस समय कांग्रेस सरकार में उन्नयन मंत्री हुआ करते थे और नरेंद्र मोदी उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे।गाँधी नगर से अपने हेलीकाप्टर द्वारा पूरे देश में प्रचार किया करते थे और फिर वापिस गाँधी नगर ही आते थे। लेकिन जयंत चौधरी के पिता अजित सिंह चौधरी नरेंद्र मोदी को तीन- तीन घंटे एयर पोर्ट पर ही खड़े रहने के लिए मजबूर किया करते थे। लेकिन अमित शाह नें उस दौर के नेताओं को भी पलटा और प्रदेश के पच्छिमी क्षेत्र की राजनीती को बदल दिया था। किन्तु अब पुनः समय नें करवट ली हैं और अमित शाह एक बार फिर जाटों की महफिल सजाने और मनाने में कितने कामयाब होते है। आगामी चुनाव के बूथ में पड़ा वोट बताएगा कि 2022 के चुनाव में अमित शाह चौधरी बनेगे या फिर जाटो नें चौधरी बना कर भेज दिया।

अमित शाह के वारे में कहा जाता है कि अमित शाह से किसी नें कुछ भी माँगा तो दिया है और अमित शाह नें किसी से निवेदन कर कुछ माँगा और नहीं दिया तो उस नेता को ना मांगने लायक छोड़ा और ना देने लायक़। इतने दरियादिली बीजेपी कार्यकर्त्ता रहें हैं

अपील-आपका एक-एक वोट राष्ट्र का निर्माण करेगा। चूकना नहीं हैं..भूलना नहीं है l

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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