
#एपा,
आज गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर मैने अपने संकल्प को एक मुकाम देदिया है।
जो मैने 2009, मेअपने मरणोपरांत अपनी बोडी डोयनेट करने का लिया था हमारे इस संकल्प को बहुत समय तक फ्रोम जैसी ओपचारिकताऔं के अभाव के कारण एक लम्बा इंतजार करना पड़ा कहते है हर चीज का एक बक्त होता है तब एटा मे हमारे दान जैसे ओपचारिकताऔं के लिये कोई सुविधा नहीं थी लेकिन अब एटा मे मेडिकल कॉलेज के बनने से हमारा यह कार्य आसानी से आज संपूर्ण हो गया, आज मै बहुत खुश हूँ।
अग्नि के आघोस मे जलकर ये राख क्यों बने,
पवन के थपेड़ों से परिहास राख क्यों बने,,
मेरे पुराने घरकी कुछ ईंटें उनको देदेना,
हो पुराना आशियाना उसको पूरा कर देना,,
लेखिका, पत्रकार, दीप्ति चौहान।