कर्तव्यों के प्रति अत्यधिक लापरवाह थे निलंबित अधीक्षक उमेश साकेत
पूर्व मे भी विभिन्न आरोपों के चलते पाँच बार निलंबित हो चुके थे
मादक द्रव्यों के सेवन के भी आदी थे

छात्रों से मारपीट करने सहित, कमरे मे बंद कर भाग जाने का भी आरोप लग चुका था अनुसूचित जाति नवीन महाविद्यालयीन बालक छात्रावास के निलंबित अधीक्षक उमेश साकेत के परिजनों द्वारा निलंबन पर उठाये सवालों के बीच सच्चाई सामने आई है। जिससे उमेश साकेत की कर्तव्य के प्रति गंभीर लापरवाही सामने आई है। यद्यपि प्रशासन ने उन्हें सुधार के कई मौके दिये थे, किन्तु इसके बाबजूद निलंबित अधीक्षक के कार्य-व्यवहार मे कोई सुधार नहीं हुआ था। प्रशासन ने पहले भी कई बार उन्हें छोटी मोटी कार्यवाही कर चेतावनी देकर सुधार के कई मौके दिये थे। किन्तु अधीक्षक के कार्य व्यवहार मे सुधार होने के बजाय मनमानी, लापरवाही और कर्तव्य के प्रति उदासीनता बढ़ती जा रही थी। पहली बार 1997 मे कार्यस्थल से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने और कर्तव्य मे लापरवाही के कारण अधीक्षक उमेश साकेत को निलंबित किया गया था, किंतु बाद में चेतावनी देकर बहाल कर दिया गया था।
दूसरी बार सन 2006 मे उन्हें गंगेव छात्रावास संचालन मे गंभीर लापरवाही और वित्तीय अनियमितता के चलते निलंबित किया गया था।
तीसरी बार सन 2007 मे जड़कुड़ छात्रावास मे गंभीर लापरवाही, वित्तीय अनियमितता और मादक द्रव्यों के सेवन करने सहित कई अन्य गंभीर आरोपों के कारण निलंबित किया गया था। जिसके बाद उमेश साकेत लगातार सात वर्षों तक निलंबित रहे थे। जिसके बाद उन्हें 2018 मे बहाल किया गया था।
परन्तु 2019 मे पुनः मऊगंज छात्रवास अधीक्षक रहते छात्रों के साथ मारपीट करने और उन्हें बंद कर के भाग जाने के आरोपों के कारण निलंबित किया गया था, जिन्हें बाद में बहाल कर दिया गया था।
किन्तु दिसंबर 2021 मे छात्रों द्वारा पुनः सामूहिक शिकायत के चलते अधीक्षकीय कार्य से पृथक कर दिया गया था।
गौरतलब है कि 16 -1-2022 को कलेक्टर महोदय द्वारा अनुसूचित जाति नवीन महाविद्यालयीन बालक छात्रावास के निरीक्षण मे छात्रावास मे गंभीर अव्यवस्थाओं के चलते उमेश साकेत को निलंबित कर दिया गया था।
जिसके बाद कल रात से अचानक उमेश साकेत की तबियत ख़राब होने पर आज 25 जनवरी 2022 को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल मे भर्ती कराया गया था, जहा उनका निधन हो गया।