मॉल में फंसे थे कर्मचारी, थी जान हलक में और बाहर पथराव – रिपोर्ट शुभम शर्मा

मॉल में फंसे थे कर्मचारी, थी जान हलक में और बाहर पथराव – रिपोर्ट शुभम शर्मा
अलीगढ़ – जिस मैरिस रोड पर शहर के लोग शांति और सुकून पाने के लिए आने आते हैं, वहां सोमवार की दोपहर में भयावह हालात थे। सफाईकर्मी पुनीत की हत्या के बाद सिटी सेंटर माल के बाहर जाम लगने से पहले खूब बवाल हुआ। सफाईकर्मियों ने वाहनों को रास्ते में खड़ा कर दिया। आने जाने वाले कुछ वाहन चालकों से मारपीट कर लौटा दिया। माल के अंदर स्टाफ, आम लोग व कुछ सफाईकर्मी फंस गए थे, वो चीख रहे थे। परिजनों से फोन पर संपर्क कर मदद मांग रहे थे। वहीं बाहर सैकड़ों लोगों की भीड़ इकट्ठा थी। गुस्सा बेकाबू था, जिनके सामने पुलिस भी असहाय नजर आई। रुक-रुककर पथराव होता रहा। इससे लोग सहम गए। बवाल के शांत होने तक लोगों ने कोई दुकानें भी नहीं खोलीं। शाम तक मैरिस रोड बंद रहा। माल के बाहर 10 व 10:30 बजे के बीच यह घटना हुई थी। एसपी सिटी कुलदीप सिंह गुनावत व सीओ प्रथम राघवेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे। तब हालात बिल्कुल सामान्य थे। ऐसे में एसपी सिटी चले गए। इसके कुछ देर बाद ही वहां भीड़ इकट्ठा होने लगी। करीब 12 बजे सफाईकर्मियों ने जाम लगा दिया। इसे लेकर लोगों ने आसपास कोई भी दुकान नहीं खोली। इधर, भीड़ ने माल में घुसने की कोशिश की। लेकिन, सीओ प्रथम ने इन्हें रोका। भीड़ बढ़ने पर सीओ तृतीय श्वेताभ पांडेय व सीओ द्वितीय मोहसिन खान आ गए। लेकिन, भीड़ इतनी बेकाबू थी कि पुलिस के भी हाथ-पांव फूलने लगे थे। इस पर एसपी सिटी दोबारा आए। उनके सामने भी लोगों ने कई बार माल पर पथराव किया। करीब एक बजे आरोपित की गिरफ्तारी की सूचना लोगों को दी गई। लेकिन, इसके बाद लोग माल के मालिक की गिरफ्तारी और माल को सील करने की मांग पर अड़ गए। डीएम-एसएसपी को बुलाने पर अड़ गए। पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। करीब तीन बजे पुलिस ने माल में फंसे लोगों को बाहर निकलवाया। शाम को पांच बजे पुनीत के पिता लक्ष्मण मौके पर पहुंचे, जिसके बाद लोग वहां से हटे। भीड़ के बीच एसपी सिटी ने माइक लेकर लोगों को समझाने की कोशिश की। बोले कि घटना होने के बाद सबसे पहले मौके पर पहुंचे। तत्काल टीमें लगा दी गईं। गिरफ्तारी होगी और न्याय भी मिलेगा। लेकिन, पुलिस को काम करने का समय दो। इस पर भी कुछ लोग विरोध करते रहे। हालांकि करीब एक बजे गिरफ्तारी हो गई तो एसपी सिटी ने माइक से जानकारी दी कि अब पुलिस ने अपना काम कर दिया है। चूंकि सीओ तृतीय श्वेताभ पांडेय के बच्चे को कोविड था, इसलिए वे मौके पर पहले नहीं आए थे। सीओ प्रथम को भेजा गया। लेकिन, जब हालात बिगड़े तो सीओ तृतीय आना पड़ा। माइक लेकर वह लोगों को समझाने में लग गए। समझाने के दौरान 10-15 लोगों की भीड़ माल के अंदर घुस गई तो सीओ तृतीय पीछे दौड़े। दो-तीन लोगों को पकड़ा। इनके पीछे सीओ प्रथम ने दौड़ लगाकर लोगों को बाहर निकाला। हालांकि इस बीच कुछ पत्थर अंदर भी फेंके गए, जिससे शीशे टूट गए थे। इधर, सीओ द्वितीय मोहसिन खान ने नेताअों से बातचीत करके लोगों को समझाने में भूमिका निभाई। स्वजन को भीड़ से अलग ले जाकर तहरीर लिखवाई और मुकदमे की प्रक्रिया को आगे बढ़वाया। लोग सिटी सेंटर के शीशे पर पत्थर मार रहे थे, ऐसे में एक-दो पत्थर सीओ तृतीय के पैरों में भी लगे। उन्होंने माइक से भी लोगों को ये बात बताई कि पुलिस से आपकी क्या लड़ाई है। हंगामे के बीच पुनीत के ताऊ का लड़का प्रशांत बदहवास हो गया। पुलिस लोगों को समझा रही थी, तभी वह अचानक माल के सामने वाली पांच मंजिला इमारत पर चढ़ गया और कूदने की चेतावनी देने लगा। इससे लोग भी सहम गए और पुलिस के हाथ-पांव भी फूल गए। हालांकि दो मिनट के अंदर ही कुछ लोग वहां पहुंच गए, जिन्होंने प्रशांत को ऊपर खींच लिया और समझाकर नीचे ले जाए।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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