डिग्री कॉलेजों के एसोसिएट प्रोफेसर भी अब बन सकेंगे प्रोफेसर, खिलाड़ी बन सकेंगे दरोगा

योगी कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले- डिग्री कॉलेजों के एसोसिएट प्रोफेसर भी अब बन सकेंगे प्रोफेसर, खिलाड़ी बन सकेंगे दरोगा

उत्तर प्रदेश में राजकीय एवं सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में कार्यरत एसोसिएट प्रोफेसर को भी अब प्रोफेसर पद पर पदोन्नति मिल सकेगी. कैबिनेट ने राजकीय एवं सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में प्रोफेसर पद पर पदोन्नति का प्रस्ताव कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूर किया है. उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि अब तक एसोसिएट प्रोफेसर को प्रोफेसर पद पर पदोन्नति की व्यवस्था नहीं थी. इससे महाविद्यालयों के एसोसिएट प्रोफेसर अनुभव और योग्यता के बाद भी विश्वविद्यालयों में कुलपति या अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में नियुक्त नहीं हो पाते थे. अब महाविद्यालयों के एसोसिएट प्रोफेसर को भी प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति मिल सकेगी. इससे उन्हें भी कुलपति बनने का अवसर मिल सकेगा.

पुलिस विभाग में उप निरीक्षक के पद पर खिलाड़ी कोटे से भर्ती और बिना पारी पदोन्नति के लिए नियमावली को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए मंजूरी दे दी गई है. इससे खिलाड़ी कोटे से पुलिस उप निरीक्षक के पद पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया है. अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि इस नियमावली के बनने के बाद अब पुलिस विभाग में पुलिस उप निरीक्षक के 2% पद कुशल खिलाड़ियों से भरे जा सकेंगे. साथ ही खेल के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को बिना पारी पदोन्नति भी दी जा सकेगी. बता दें कि प्रदेश में सन 2000 के बाद से पुलिस उप निरीक्षक खिलाड़ी कोटे से सीधी भर्ती नहीं हुई है. 2000 में 38 पदों पर खिलाड़ी कोटे से भर्ती की गई थी. नियमावली बनने के बाद प्रदेश में उप निरीक्षक के पदों पर होने वाली अगली भर्ती में खिलाड़ी कोटे से 2% उप निरीक्षक भर्ती किए जा सकेंगे.

हरदोई के कस्बा संडीला में निर्माणाधीन ग्रेन आधारित आसवनी का काम समय से पूरा न होने के कारण कैबिनेट बाईसर्कुलेशन के जरिए इसके लिए अतिरिक्त समय देने को मंजूरी दी गई है. अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर.भूसरेड्डी ने बताया कि संडीला में मैसर्स श्री गंग इंडस्ट्रीज एंड एलाइड प्रोडेक्ट लि. ग्रेन आधारित आसवनी का निर्माण कर रही है. इसके लिए उसे चार महीने का समय काम पूरा करने का दिया गया था पर कोरोना महामारी के कारण काम समय से पूरा नहीं हो पाया. कुछ मशीनें बाहर से नहीं मंगाई जा सकीं. अब फिर से इस इकाई को 4 माह का अतिरिक्त समय कैबिनेट बाईसर्कुलेशन के जरिए मंजूर किया गया है.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लाभार्थियों को वितरित किए गए झोले व प्रचार सामग्री का खर्च खाद्य एवं रसद विभाग उठाएगा. सूचना विभाग की ओर से उपलब्ध कराए गए झोले व प्रचार सामग्री का बजट खाद्य एवं रसद विभाग से आवंटित कराने के प्रस्ताव को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दी गई. गौरतलब है कि राशन वितरण के लिए सूचना विभाग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फोटो लगे झोले उपलब्ध कराए थे. झोलों के साथ सरकार की योजनाओं की प्रचार सामग्री भी वितरित की गई थी. इस पर करीब 100 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुआ था. कैबिनेट ने खाद्य एवं रसद विभाग से इसका बजट सूचना विभाग को दिलाने और खाद्य एवं रसद विभाग को इसके लिए राशि उपलब्ध कराने का प्रस्ताव मंजूर किया है.

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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