
कांग्रेस का पंथ निरपेक्ष शब्द हटाने के प्रस्ताव का विरोध – रिपोर्ट शुभम शर्मा
अलीगढ़ – प्रदेश कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भेजा है। विभाग के प्रदेश सचिव असद फारूक ने बताया है कि यह ज्ञापन मेल किया गया है। इसमें राज्यसभा में तीन दिसंबर को भाजपा के राज्यसभा सदस्य केजे अल्फोंस ने प्राइवेट मेंबर बिल को लेकर चर्चा की। फारूक ने दावा किया है कि संविधान की प्रस्तावना में बदलाव कर उसमें से पंथनिरपेक्ष शब्द हटाने की मांग की थी। इसका कांग्रेस ने विरोध किया है। उससे पहले भी पिछले साल 20 जून को भाजपा के ही राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा ने भी प्राइवेट मेंबर बिल के ज़रिये संविधान की प्रस्तावना से समाजवाद शब्द हटाने की मांग की थी। केशवानंद भारती और एसआर बोम्मई समेत कई मामलों में सर्वोच्च न्यायालय का स्पष्ट निर्देश है कि संविधान की प्रस्तावना में संसद भी कोई बदलाव नहीं कर सकती। राष्ट्रपति से इस व्यवस्था में किसी भी प्रकार का बदलाव न करने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष चौ. सुरेंद्र सिंह बालियान, दिनेश शर्मा, वीरी सिंह बंजारा, मोहम्मद फैजान कुरैशल, सौरव पाराशर, शहबाज, आगा यूनुस,मुरसलीन, राम गोपाल रैना आदि हैं।