खाद कारोबारियों की मनमानी, किसानों को थमा रहे अनुपयोगी सामग्री – रिपोर्ट शुभम शर्मा

खाद कारोबारियों की मनमानी, किसानों को थमा रहे अनुपयोगी सामग्री – रिपोर्ट शुभम शर्मा
अलीगढ़ – जनपद में यूरिया खाद की आपूर्ति नियमित हो रही है। लेकिन, विभागीय अफसर खाद कारोबारियों की मनमानी पर अंकुश नहीं लगा पा रहे। निर्धारित से अधिक मूल्य पर किसानों को यूरिया बेचा जा रहा है। यही नहीं, कारोबारी यूरिया के साथ अनुपयोगी सामग्री(लगेज) भी किसानों को जबरन थमा रहे हैं। आपत्ति करने पर यूरिया नहीं दिया जाता। ये स्थिति तब है, जब प्रतिदिन दर्जनों दुकानों का निरीक्षण कृषि विभाग के अधिकारी कर रहे हैं। किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। किसानों को सस्ती दरों पर खाद उपलब्ध हो सके, इसके लिए सरकार ने खाद पर मोटा अनुदान दिया है। इसके बाद भी किसानों को सरकारी मूल्य पर खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा। गेहूं, जौ, सरसों, मसूर की फसल कर रहे किसानों को इन दिनों यूरिया की जरूरत है। सरकारी मूल्य 266.50 रुपये प्रति बैग निर्धारित है। जबकि, फुटकर दुकानों पर यह बैग किसानों को 300 रुपये तक दिया जा रहा है। इसके अलावा जिंक, पोटास आदि अनुपयोगी सामग्री भी किसानों को जबरन बेची जा रही है। किसानों का कहना है कि ये सामग्री न खरीदें तो यूरिया नहीं मिलता। वहीं, फुटकर खाद विक्रेताओं का कहना है कि थोक विक्रेता उन्हें लगेज बेचते हैं। लगेज न लिया जाए तो खाद नहीं देते। मजबूरी में लगेज लेना पड़ता है और इसे किसानों को बेच देते हैं। थोक विक्रेताओं को लगेज खाद निर्माता कंंपनियां दे रही हैं। यानि, पूरा खेल ऊपर से नीचे तक चल रहा है और कृषि विभाग मौन साधे है। न किसी थोक विक्रेता पर कार्रवाई की गई, न फुटकर विक्रेता पर। खाद निर्माता कंपनियों तक पहुंचने की अधिकारी हिम्मत नहीं जुटा पाते।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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