
इमरजेंसी सेवा से भी जूनियर डॉक्टरों ने खुद को किया अलग – रिपोर्ट शुभम शर्मा
अलीगढ़ – जे.एन.मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने कल शाम सात बजे से इमरजेंसी सेवा से खुद को अलग कर लिया। इससे पहले उन्होंने ओपीडी व वार्ड में अपनी सेवाएं बंद कर दी थीं। तीनों सेवाओं से जूनियर डॉक्टर के हटने से चिकित्सा सेवा चरमराने लगी है।जेएन मेडिकल कॉलेज के रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली गया, जहां वह राष्ट्रीय स्तर के अन्य एसोसिएशन से मिला। साथ ही भविष्य के पाठ्यक्रमों को लेकर चर्चा की गई। जेएन मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने सोमवार को शाम सात बजे इमरजेंसी सेवाओं से हटने का फैसला किया।आरडीए के उपाध्यक्ष डॉ. मोहम्मद खलाफ सबा व सचिव डॉ. मोहम्मद आदिल ने कहा कि 27 नवंबर को जूनियर डॉक्टर्स ने ओपीडी सेवा बंद की थी। फिर वार्ड सेवा बंद की। अब इमरजेंसी सेवा बंद करने का फैसला लिया गया। उन्होंने सरकार के इस अत्याचारी रवैये के खिलाफ सामूहिक लड़ाई में पूरा सहयोग करने की अपील की है। जूनियर डॉक्टर के इमरजेंसी सेवा से हटने के चलते दूरदराज से आए मरीजों को लौटना पड़ रहा है। ओपीडी से लेकर इमरजेंसी सेवा में जूनियर डॉक्टर की अहम भूमिका रहती है। प्रॉक्टर प्रो. वसीम अली ने बताया कि ओपीडी, वार्ड व इमरजेंसी सेवा में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर, शिक्षक व कर्मचारी मरीजों की सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि केवल गंभीर मरीजों का इलाज हो रहा है और उन्हें भर्ती किया जा रहा है।