अब 11 दिसंबर तक चलेगा पुरुष नसबंदी पखवाड़ा
-पखवाड़े के दौरान नौ पुरुषों ने नसबंदी को अपनाया
एटा,

जनपद में सामुदायिक स्तर पर परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता व स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे। इसी कड़ी में जनपद में 22 नवंबर से 4 दिसंबर तक पुरुष नसबंदी पखवाड़ा मनाया गया , जिसे अब 11 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है।
परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधीर कुमार ने बताया कि जनपद में “पुरुषों ने परिवार नियोजन अपनाया, सुखी परिवार को आधार बनाया” थीम के साथ जनपद में पुरुष नसबंदी पखवाड़ा चलाया जा रहा था। यह पखवाड़ा अब 11 दिसंबर तक और बढ़ा दिया गया है। पखवाड़े के दौरान ब्लॉक जैथरा ने विशिष्ट योगदान दिया है। पखवाड़े के अंतर्गत जैथरा ब्लॉक में सात पुरुष नसबंदी की गई। इसके साथ ही सकीट ब्लॉक में दो पुरुष नसबंदी की गई है। इस प्रकार पखवाड़े के तहत अभी तक जनपद में नौ पुरुष नसबंदी की गई हैं। उन्होंने बताया कि पखवाड़े के माध्यम से स्वास्थ्य कार्यकर्ता लक्षित दंपति को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक कर रहे हैं। पुरुष नसबंदी सहित महिला नसबंदी और परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों के बारे में भी लोगों को जानकारी दे रहे हैं।
डॉ कुमार ने बताया कि पुरुष नसबंदी अपनाने वाले लाभार्थियों को 3000 रुपये देने का प्रावधान है। इसके साथ ही प्रेरक को 400 रुपए प्रदान किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि शारीरिक बनावट के आधार पर महिलाओं की अपेक्षा पुरुष नसबंदी बहुत ही सरल और आसान होती है। पुरुष नसबंदी के लिए लाभार्थी की उम्र 22 वर्ष से अधिक और 60 वर्ष से कम हो, लाभार्थी शादी-शुदा हो, लाभार्थी की एक संतान हो जिसकी उम्र नसबंदी के समय कम से कम एक साल हो | लाभार्थी मानसिक तौर पर स्वस्थ हो। उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी बिल्कुल सुरक्षित प्रक्रिया है। नसबंदी बिना चीरा व टांका बहुत कम समय में हो जाती है । नसबंदी के बाद किसी भी प्रकार की शारीरिक एवं यौन दुर्बलता नहीं होती है। नसबंदी के बाद अस्पताल में रहने की जरूरत नहीं होती है। नसबंदी के बाद किसी भी प्रकार के दूरगामी स्वास्थ्य जटिलताएं नहीं होती।