
जर्जर स्कूल भवन के नीचे बच्चे पढ़ने व खाने के लिए मजबूर ,पानी भी पीने के लिए बच्चे ही एक किलोमीटर दूर से लाने को मजबूर हैंड पम्प भी ठंड में भी उगल रही हवा,जबलपुर दर्पण मैहर। हम बात कर रहे है करतहा ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाली शासकीय प्राथमिक शाला तिवारी टोला करतहा संकुल केंद्र मंगरौरा विकास खण्ड मैहर की जहाँ कुल करीब 8 बच्चे ही स्कूल आये थे जिसको पढ़ाने एक शिक्षक ही मौजूद रहे मामला उस समय का है जब बच्चे लंच के लिए अपने घर से बाल्टी व बोतल में पानी भर कर लेकर आ रहते उस समय शिक्षक महोदय जिस टेबिल पर रजिस्टर व फाइल रखकर बच्चों को पढ़ाया जाता है उस पर बाकायदा कुर्सी लगकर टेबिल पर खाना खा रहे थे और अपने लिए बोतल में पानी रखे हुए थे लेकिन जब पानी व बेवस्था देखी गई तो छोटी सी स्कूल भवन में ही शिक्षक जी अपनी मोटर साइकिल खड़ी किये थे और खाना खा रहे थे बच्चे भी बगल से जमीन पर बैठक कर भोजन खाने की तैयारी कर रहे थे एक चाट या फट्टी भी नही दिखी यही नही जहाँ बच्चे खा रहे थे उसी के ऊपर की छत की प्लास्टर एक परत गिर चुकी थी दूसरी की रॉड सहित गिरने की स्थिति में थी उसके बाद भी जिम्मेदार शिक्षक अपनी सुरक्षा के साथ अलग टेबिल पर खाना खा रहे थे लेकिन छात्रों की सुरक्षा को दरकिनार करते हुए जर्जर छत के नीचे खाना खाने को मजबूर किया गया या खुद बच्चे बैठ गए लेकिन शिक्षक द्वारा कोई भी इस पर जबाब नही दिया गया कि जर्जर स्कूल भवन की छत की मरम्मत क्यो नही की गई स्कूल भवन ऐसा लगता मानो जब से स्कूल भवन की निर्माण हुआ है तब से आज तक कभी रँगरोहन नही किया गया जब कि करतहा जाने वाले मुख्य मार्ग पर है उसके बाद भी जिम्मेदार विभाग कभी ध्यान नही दिए या जो भी शासन की बजट आता है उसको नीचे से ऊपर तक के जिम्मेदार विभाग के लोग मिलकर डकार जाते है उधर बच्चों के लिए बनाए गए लेटरिंग बाथरूम भी खंडहर हो चुका लेकिन कभी स्कूल टाइम में ताला नही खोला गया यानी बच्चे जंगल मे जाते है, दूसरी तरफ हैंड पम्प तो स्कूल परिसर में लगा है लेकिन काफी समय तक हैंड व पम्प दोनों को शिक्षक द्वारा मारा गया लेकिन एक बून्द पानी नही ऐसे में किस विभाग की लापरवाही है जो सुधार कार्य हैंडपंप का नही किया गया वैसे भी हैंडपंप की सुधार कार्य स्कूल व शिक्षक की नही तो हवा फेक रही हैंडपंप की सुधार करने की जिम्मेदारी किसकी ?