गौकशों से मुठभेड़ में फंसी पुलिस, नाबालिग को बालिग बताकर जेल में डालने का आरोप

यूपी (गाजियाबाद) : गौकशों से मुठभेड़ में फंसी पुलिस, नाबालिग को बालिग बताकर जेल में डालने का आरोप

गौकशों के साथ हुई मुठभेड़ को लेकर अब गाजियाबाद पुलिस घिरती नजर आ रही है. 7 आरोपियों को मुठभेड़ के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. अब आरोपियों में से एक के परिजनों ने दावा किया है कि उनके नाबालिग बेटे को पुलिस ने बालिग बताकर जेल में डाल दिया.

दरअसल, 11 नवंबर को लोनी बार्डर थाने के तत्कालीन एसएचओ राजेंद्र त्यागी ने गोकशी की सूचना पर टीम के साथ बेहटा हाजीपुर के एक गोदाम में छापा मारा था. पुलिस का दावा है कि गौकशों ने गोली चलाई तो पुलिस ने भी जवाब में फायरिंग की. पुलिस की ओर से चली गोली में सातों तस्कर घायल हो गए थे. हैरत की बात ये है कि सभी तस्करों को गोली एक ही जगह लगी थी, पुलिस की इस मुठभेड़ पर सवाल खड़े हुए थे.

पुलिस ने जिन 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उसमें अशोक विहार का रहने वाला आसिफ और उसका भाई इंतजार भी शामिल है. आसिफ की मां समीना ने बताया कि आधार कार्ड के हिसाब से उनके बेटे की उम्र 16 साल है, जबकि इंतजार 20 साल का है. समीना ने बताया कि उनके पति की मौत हो चुकी है, जबकि उनके दोनों बेटे गोदाम में ड्रम धोने का काम करते हैं.

एसएचओ राजेंद्र त्यागी को जनरल डायरी लीक करने पर सस्पेंड कर दिया गया है तो वहीं एसएचओ के समर्थन में लोनी विधायक नंद किशोर गुजर खुल कर सामने आ गए हैं. विधायक ने इस मामले में एसपी और एसएसपी को लेटर भी लिखा है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि एसपी और एसएसपी ने त्यागी को बुलाकर कहा कि अगर वो गौ तस्कर माफिया सलीम पहलवान के खिलाफ एक्शन नहीं लेते हैं और गौ तस्करी के मामले में बीजेपी और हिंदू संगठन से जुड़े नेताओं के नाम लेते हैं तो उन्हें त्यागी को बहाल कर दिया जाएगा.

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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