
अलीगढ़ बारूद के ढेर पर,बड़े पैमाने पर हो रहा अवैध अतिशबाजी का कारोबार
दीपावली का त्योहार नजदीक आते ही एक बार फिर से शहर से लेकर देहात तक अवैध आतिशबाजी का कारोबार शुरू हो चुका है। देहात क्षेत्र में सबसे ज्यादा देशी बम व अन्य आतिशबाजी तैयार होती है। पूर्व में हुए हादसों के बाद भी लोग अपनी जान दांव पर लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। जिसके चलते एक बार फिर से अलीगढ़ बारूद के ढेर पर है।26 अक्टूबर 1994 को आज भी लोग भूल नहीं पाए हैं। तब कोतवाली क्षेत्र में स्थित सब्जीमंडी मार्केट में आतिशबाजी बाजार तबाह हो गया था, तब प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया कि अब घने बाजार में आतिशबाजी की दुकानें नहीं लगने दी जाएंगी। नुमाइश मैदान में निशुल्क आतिशबाजी दुकानें लगवाने का निर्णय हुआ।आतिशबाजी गोदाम भी आबादी से दूर ले जाने के कड़े निर्देश दिए गए। नुमाइश मैदान में करीब 250 दुकानें लगती हैं। इसके बावजूद भी शहर में अवैध रूप से आतिशबाजी की बिक्री की जाती है।टेंशन सिर्फ शहर में ही नहीं बल्कि देहात में भी है। तहसील मुख्यालयों पर आबादी क्षेत्र में पटाखे की दुकानें सजकर तैयार हो गई हैं। संभावित आग को रोकने के यहां इंतजाम नहीं है। पुलिस की मिलीभगत से नियमों का मजाक उड़ रहा है। कई बार देहात क्षेत्र में आग लगने जैसी घटनाएं भी हुई, मगर वक्त बीतने के साथ हादसों को पुलिस प्रशासन भुला देता है।जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने बताया कि जिलेभर में अवैध रूप से आतिशबाजी के भंडारण, बिक्री व निर्माण को रोकने के लिए एसडीएम को जांच के निर्देश दिए गए हैं।