
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जनपद के मुंढापांडे प्लाजा पर राकेश टिकैत द्वारा बड़ा बयान दिया गया है राकेश टिकैत मुरादाबाद होते हुए लखीमपुर जा रहे थे जहां राकेश टिकैत द्वारा पत्रकारों से बात करते हुए देश के राज्य गृह मंत्री की गिरफ्तारी की मांग की है, और साथ ही 18 अक्टूबर को होने वाली पंचायत को लेकर भी बयान दिया है, साथ ही प्रधानमंत्री को किसानों का शहादत का जिम्मेदार बताया है।
मुरादाबाद जनपद में राकेश टिकैत द्वारा पत्रकारों से बात करते हुए बड़ी जानकारी देते हुए बताया गया है राकेश टिकैत द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया है इस समय लखीमपुर जा रहे हैं जहां सभी लोग एक साथ इकट्ठा होकर एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे और साथ ही लखीमपुर खीरी के हादसे के जिम्मेदार 120 बी के मुजरिम राज्य गृह मंत्री की गिरफ्तारी की मांग भी करेंगे, अभी तक गिरफ्तारी नहीं करी गई है जिसको लेकर गिरफ्तारी की मांग को लेकर वहां पहुंचे हैं और यह प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक गिरफ्तारी नहीं होगी, इसके अलावा 18 अक्टूबर को होने वाली पंचायत के बारे में जब सवाल करा गया तो जवाब देते हुए बताया गया जब तक किसानों की समस्या नहीं है लोगी धरना और प्रदर्शन इसी तरीके से शांतिपूर्ण जारी, वही राकेश टिकैत द्वारा प्रधानमंत्री पर भी जमकर निशाना साधा गया बाकी स्टेटस द्वारा निशाना साधते हुए कहा गया जब भी इतिहास लिखा जाएगा तो इस बात का जिक्र जरूर होगा कि किस राजा के टाइम पर 750 से अधिक किसानों की शहादत हुई थी इसके जिम्मेदार राकेश टिकैत ने देश के प्रधानमंत्री को बताया है।
,भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत आज मुजफ्फरनगर से लखीमपुर जाते समय दिल्लीः लखनऊ नेशनल हाइवे 09 पर मुरादाबाद के टोल प्लाजा पर रुके, टोल प्लाजा पर पत्रकारों से बात करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि वह लखीमपुर में एक कार्यक्रम में शिरकत करने जा रहे हैं, राकेश टिकैत ने कहा के लखीमपुर घटना में शामिल एक आरोपी की गिरफ्तारी हुई है लेकिन आरोपी के पिता और देश के गृह राज्य मंत्री का इस्तीफा और गिरफ्तारी नहीं हुई है और जब तक यह नहीं होगा तब तक यह धरना जारी रहेगा, 18 अक्तूबर को 6 घंटे तक रेल रोकी जायेंगी, किसान संघर्ष कर के समाधान निकालते हैं और सरकार समाधान करके संघर्ष करती है, लखीमपुर में संघर्ष और ज्यादा बढ़ सकता था लेकिन हमने उसका समाधान निकाला, आंदोलन के दौरान जो किसान मर रहे हैं उसकी जिम्मेदार भारत सरकार है, जब देश का इतिहास लिखा जाएगा तो उसमें यह भी लिखा जाएगा कि किस राजा के राज में देश के 750 किसानों की शहादत हुई उसका ज़िम्मेदार देश का प्रधानमंत्री था, कानून वापसी नहीं तो किसानों की घर वापसी भी नहीं, लखीमपुर में अरदास कार्यक्रम के बाद लिया जाएगा कोई फैसला,,