धर्मनिरपेक्षता की कल्पना वास्तविक जीवन से परे है।—
~स्वामी निश्चलानंद सरस्वती~

नोएडा—-
सेक्टर-150 में रविवार को पत्रकारों वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि देश एक बार फिर हिन्दू राष्ट्र बनेगा। हम सभी को इसमें अपना योगदान देना होगा। अध्यात्म की ओर जाकर ही यह संभव हो सकता है। इस दौरान लोगों ने विज्ञान, व्यवहार, राजनीति और आध्यात्म के विषय में उनसे प्रश्न किए, जिनका उन्होंने उत्तर दिया ।
ओडिशा के पुरी गोवर्धन मठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि शिक्षा, रक्षा, अर्थ, सेवा आदि को सुलभ कराने के लिए सनातन धर्म बना है। क्लास, क्लब, एजुकेशन तीन नीतियों ने देश की शिक्षा व्यवस्था, न्याय व्यवस्था और संस्कृति पर पानी फेर दिया है। देश के हर व्यक्ति को सनातन धर्म का अनुशरण करना होगा तभी देश फिर से विश्व गुरु बनकर सभी का मार्गदर्शन करेगा। संकल्प व विकल्प जिससे होता है, उसका नाम मन है। जो हर शक्ति से संपन्न है, उसका नाम मन है। मन तक कोई भय या मौत की छाया तक नहीं पहुंच सकती । सिर्फ मन को तैयार करना है और हम सर्वश्रेष्ठ हो जाएंगे । उन्होंने कहा कि किसी की जरूरत नहीं है, मैं खुद घोषणा करता हूं कि भारत हिदू राष्ट्र है। हमारे मठ व मंदिर, शिक्षा, रक्षा व संस्कृति के केंद्र हैं।
धर्म निरपेक्ष मात्र एक शब्द –
स्वामी ने कहा कि धर्म निरपेक्ष एक शब्द है, वास्तविकता नहीं है। धर्मनिरपेक्षता की कल्पना वास्तविक जीवन से परे है। अपने आपको धर्मनिरपेक्ष कहना निश्चय ही धोखा है। मानव समाज के लिए धर्मनिरपेक्ष कोई हो ही नही सकता । धर्म के बिना किसी वस्तु की सत्ता उपयोगिता संभव नहीं है। प्रकृति पंचभूतों को धारण करती है, वही धर्म है तो फिर धर्मनिरपेक्षता क्या है ?यह कैसे हो सकती है ?
शंकराचार्य ने कहा कि कृषि और व्यवसाय में जब तक गौ की उपयोगिता को दोबारा शामिल नहीं किया जाएगा तब तक गौ माता को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का कोई महत्व नहीं होता है। इसलिए सरकार को सबसे पहले देश में गौ वंशों के कटान को बंद कराकर उसकी उपयोगिता को खेती और व्यवसाय में शामिल करने की जरूरत है । इसमें देश का भी हित है । स्वामी निश्चलानंद सरस्वती संस्कार पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सुसंस्कार से ही सुंदर परिवार और सभ्य समाज की स्थापना होती है।
श्री राम सेवा मिशन की ओर से सेक्टर-150 के एसीई गोल्फ शायर, कम्युनिटी हॉल में संगोष्ठी, दर्शन, दीक्षा कार्यक्रम में धर्म अध्यात्म को लेकर लोगों के सवालों के जबाब दिए । इस दौरान 50 से अधिक लोगों को गुरू दीक्षा भी दी। शाम 5:30 बजे धर्म सभा में स्वामी ने लोगों को धर्म के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। रमेश अवस्थी ने बताया कि स्वामी का दो दिन का प्रवास है। स्वामी शनिवार सात बजे नोएडा पहुंचे थे। रात्रि विश्राम के बाद रविवार को प्रेसवार्ता संगोष्ठी, दर्शन, दीक्षा औरा धर्म सभा का कार्यक्रम रहा। सोमवार को संगोष्ठी, दीक्षा दर्शन का कार्यक्रम के बाद शाम चार बजे स्वामी जी वृंदावन प्रस्थान करेंगे।