यूपी : आतंकी कनेक्शन नहीं मिलने पर गिरफ्तार जीशान के साथी शाहरूख को प्रयागराज पुलिस ने छोड़ा

शाहरूख ने फेसबुक पर पोस्ट डाली थी कि वह निर्दोष है और बेहद डरा हुआ है इसलिए पुलिस के पास सरेंडर करने जा रहा है। अब पता चला है कि सरेंडर करने के बाद पुलिस उससे लगातार पूछताछ करती रही लेकिन आतंकी गतिविधियों में उसकी कोई संलिप्तता नहीं निकली।
सरेंडर करने के बाद पुलिस उससे लगातार पूछताछ करती रही लेकिन आतंकी गतिविधियों में उसकी कोई संलिप्तता नहीं निकली। शाहरूख ने कहा कि जीशान ने उसे बाक्स दिया था जिसे उसने अपने पोल्ट्री फार्म में रख दिया था। उसे जीशान ने नहीं बताया था कि उसमें क्या है। उसे खुद एटीएस की छापेमारी के बाद पता चला कि जीशान ने उस बाक्स में विस्फोटक रखा था। हर तरह की जांच में फिलहाल शाहरूख के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिले इसलिए उसे छोड़ दिया गया है। पुलिस का कहना उसे अभी छोड़ दिया गया है इस हिदायत के साथ कि वह शहर छोड़कर नहीं जाएगा क्योंकि तहकीकात जारी है।
शाहरुख की मां ने भी अपने बेटे को बेकसूर बताते हुए कहा था कि वह अपने एक साथी के कहने पर पोल्ट्री फार्म गया था। उसे नहीं पता था कि पोल्ट्री फार्म में बम रखा जा रहा है। अगर उसे पता होता तो शायद यह हालात न होते। उधर एटीएस को उम्मीद थी कि शाहरुख के जरिए जीशान के दोस्तों और उससे जुड़े कुछ अन्य लोगों के बारे में जानकारी मिल सकती है। हालांकि उसकी संलिप्तता आतंकी गतिविधियों में नहीं मिली तो उसे छोड़ दिया गया।
कोतवाली थाना क्षेत्र के चक बहादुरगंज मोहल्ला निवासी शाहरुख के नैनी डांडी स्थित पोल्ट्री फार्म में ही इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आइईडी) मिली थी। इसके बाद से ही एटीएस, खुफिया एजेंसी और क्राइम ब्रांच की टीम उसकी तलाश कर रही थी। बताया गया कि शनिवार दोपहर शाहरुख कोतवाली थाने पहुंचा और खुद को पुलिस के हवाले कर दिया था। इसके बाद एटीएस उसे लेकर अपने साथ चली गई। हालांकि एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि फोन करके उसे थाने पर बुलाया गया था। सूत्रों का कहना है कि पूछताछ में शाहरुख ने बताया कि कोरोना काल में पोल्ट्री फार्म का धंधा कमजोर हो गया था। तब उसने नौकरी की तलाश शुरू की। इसी दौरान रमजान से पहले हुमेदुर और जीशान से मुलाकात हुई। जीशान ने करेली स्थित एक दफ्तर में उसका इंटरव्यू भी लिया था और फिर 16 हजार से रुपये से अधिक की नौकरी देने की बात कही थी।