राकेश टिकैत बोले- यहां अल्लाह हू अकबर और हर-हर महादेव के नारे लगते रहेंगे

यूपी (मुजफ्फरनगर) : राकेश टिकैत बोले- यहां अल्लाह हू अकबर और हर-हर महादेव के नारे लगते रहेंगे

केंद्र सरकार के 3 नए कृषि कानूनों के विरोध में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में रविवार को संयुक्त किसान मोर्चे ने किसान महापंचायत की। यहां भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत जमकर गरजे। उन्होंने 10 फीट ऊंचे मंच से कहा कि इस सरकार ने पूरे देश को बेच दिया। अब लड़ाई ‘मिशन यूपी’ और ‘मिशन उत्तराखंड’ की नहीं, बल्कि देश को बचाने की है। यह आंदोलन देश के किसानों के बूते लड़ा जाएगा।

आगे राकेश टिकैत ने कहा कि हम वो नहीं हैं, जो झोला उठाकर चल देंगे। मैं किसान हूं और किसान ही रहूंगा। आखिरी दम तक किसानों के साथ रहूंगा। किसानों के हक की लड़ाई के लिए हम हमेशा किसानों के साथ रहे हैं, और मरते दम तक किसानों की लड़ाई लड़ेंगे। बता दें कि इससे पहले आंदोलन में आक्रोशित किसानों ने शहर में लगे सीएम के बड़े-बड़े होर्डिंग को फाड़कर फेंक दिया। इस बीच करीब 2 घंटे इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई।

इसके साथ ही टिकैत ने मंच से वो नारा भी लगवाया जो धार्मिक एकता के लिए पश्चिम यूपी के किसान नेता पहले भी लगवाते रहे हैं। मंच से टिकैत ने कहा, ‘अल्लाहु-अकबर’ तो सामने से किसानों की आवाज आई ‘हर-हर महादेव’…इस तरह पूरा जीआईसी मैदान धार्मिक एकता के इस नारे से गूंज उठा।

हिंदू-मुस्लिम समुदाय को एकता के सूत्र में पिरोने वाला टिकैत का ये उद्घोष काफी अहम है। दरअसल, कृषि कानूनों के खिलाफ पश्चिम यूपी के हिंदू व मुस्लिम सभी किसान एक मंच पर आ गए हैं। वो कंधे से कंधा मिलाकर केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार से लड़ रहे हैं। खासकर, जाट और मुस्लिम लोगों में नजदीकियां काफी बढ़ी हैं।

ये वही लोग हैं जिनके बीच 2013 के सांप्रदायिक दंगों के बाद दूरियां पैदा हो गई थीं। दोनों समाज राजनीतिक तौर पर भी दो ध्रुवों में बंट गए थे। लेकिन अब किसान आंदोलन के बहाने फिर वो मौका आया है जब दोनों समुदाय किसान यूनियन की ‘हरी टोपी’ पहनकर एक जैसे रंग में नजर आने लगे हैं।शायद यही वजह है कि मुजफ्फरनगर की पंचायत के मंच से टिकैत ने खुलेआम कह दिया कि ‘ये लोग दंगा करवाने का काम करेंगे, तोड़ने का काम करेंगे, लेकिन हमें जोड़ना है’ । टिकैत ने स्पष्ट कह दिया कि यूपी की जमीन पर दंगा करवाने वालों को जनता बर्दाश्त नहीं करेगी।

उन्होंने कहा कि यह याद करते रहना कि हम वहां से हटेंगे नहीं। साढ़े 450 रुपए कुंतल गन्ने का रेट चाहिए। एमएसपी की गारंटी चाहिए। पूरे देश में संयुक्त मोर्चा आंदोलन करेगा। किसानों की यह लड़ाई आप (किसान) के दम पर लड़ी जाएगी। आज आप मुजफ्फरनगर में आए और पूरे देश को किसानों की ताकत दिखाई। 20 लाख की भीड़ यहां जुटी।

राकेश टिकैत ने कहा कि देश की सरकार ने किसानों के साथ सभी को धोखा दिया है। रेल, बिजली, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान, सड़कें, एफसीआई के गोदाम, बंदरगाह प्राइवेट कंपनियों को बेच दिए गए हैं। अब खेती-बाड़ी भी इन कंपनियों को बेचने की तैयारी है। एक तरह से पूरा भारत बिकाऊ हो गया है। उन्होंने कहा कि शुगर मिलों पर गन्ना किसानों का 12 हजार करोड़ रुपया बकाया है। पिछली दो सरकार ने गन्ने का रेट बढ़ाया है, लेकिन योगी सरकार ने फूटी कौड़ी तक नहीं बढ़ाई। जब हम किसानों के हित की बात करते हैं तो सरकार इसे राजनीति बताती है।

उन्होंने कहा कि पूरे देश का निजीकरण हो रहा है। ऐसे में रोजगार के साधन खत्म हो रहे हैं। यह लड़ाई सिर्फ किसानों की नहीं, बल्कि नौकरीपेशा, मजदूर, मेहनतकश समेत सभी वर्गों की है। टिकैत ने स्पष्ट कह दिया है कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं होंगे, वह दिल्ली के बॉर्डर से नहीं हटेंगे। चाहें हमारी कब्रगाह ही बॉर्डर पर क्यों न बनानी पड़े। इसके लिए सरकार को वोट की चोट देनी होगी। लड़ाई किसानों समेत सभी वर्गों के दम पर लड़ी जाएगी।

आगे बोलते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि यह सरकार तोड़ने का काम करती है और हम जोड़ने का काम करते हैं। हमने उस समय भी कह दिया था कि कब्रगाह हमारी यहीं बनेगी। इस तरह की सरकार यदि देश में होगी तो यह दंगा करवाने का काम करेंगे।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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