टिका है टिकैत, नहीं तोड़ी कसम,’ मंच से सीधा गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे राकेश टिकैत, नौ महीने से घर की दहलीज पर नहीं रखा कदम

यूपी (मुजफ्फरनगर) : ‘टिका है टिकैत, नहीं तोड़ी कसम,’ मंच से सीधा गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे राकेश टिकैत, नौ महीने से घर की दहलीज पर नहीं रखा कदम

तीनों कृषि कानून के विरोध में गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को दिशा देने और यूपी में सत्ता परिवर्तन को लेकर मुजफ्फरनगर के जीआईसी ग्राउंड में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। महापंचायत में देशभर के किसान शामिल किसानों में पंजाब व हरियाणा के किसानों की संख्या ज्यादा दिखी। युवाओं और महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

किसान महापंचायत में देश के कोने कोने से किसान कार्यकर्ता और नेता पहुंचे। यहां पंचायत स्थल के मंच पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत, भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव व गुरनाम चढुनी, मेधा पाटकर समेत तमाम किसान नेता मौजूद रहे। खास बात यह है कि जब से गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन शुरू हुआ है तब से राकेश टिकैत ने अपने घर की चौखट पर कदम नहीं रखा है। आगे जानते हैं कि आखिर क्या वजह है जो नौ महीने से राकेश टिकैत ने अपने घर का रुख तक नहीं किया?

राकेश टिकैत ने कहा कि अब जब तक मांग पूरी नहीं होगी, दिल्ली में आंदोलन जारी रहेगा। पूरे देश में संयुक्त मोर्चा आंदोलन करेगा। जब तक यह आंदोलन सफल नहीं होगा तब तक घर वापस नहीं लौटूंगा।

दरअसल, किसान आंदोलन की शुरुआत में राकेश टिकैत ने प्रण किया था कि ‘जब तक कानून वापसी नहीं, तब तक घर वापसी नहीं।’ इसके बाद से राकेश टिकैत अपने गृह जनपद मुजफ्फरनगर की सीमाओं से जरूर गुजरे, उन्होंने आसपास के जिलों में भी बैठकें कीं लेकिन वह अपने घर नहीं गए। आंदोलन के नौ माह बाद आज महापंचायत में हिस्सा लेने के बाद वापस गाजीपुर बॉर्डर लौट गए।

किसान महापंचायत के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से एलान कर दिया गया है कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के तहत 27 सितंबर को भारत बंद किया जाएगा। इसके अलावा यह भी एलान किया गया कि अब संयुक्त किसान मोर्चा का गठन देश के प्रत्येक राज्य में और प्रत्येक जिले में भी किया जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव ने प्रदेश और केंद्र सरकार पर हमला करते हुए पांच आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि गन्ना मूल्य नहीं बढ़ा, फसल बीमा के नाम पर फरेब किया, दाना दाना खरीदने का वादे पर खरीद नहीं हुई, कर्जमाफी के नाम ढोंग किया और लोगों को धर्म के नाम पर बांट दिया। उन्होंने कहा कि सौ सुनार की अब किसानों ने एक लुहार की चोट मारी है।

राकेश टिकैत ने महापंचायत के मंच से कहा की संयुक्त मोर्चा दिल्ली बॉर्डर से तब तक नहीं उठेगा, जब तक जीत नहीं मिल जाएगी। इसके अलावा उन्होंने यह भी दोहराया कि मैं अपने घर नहीं जाऊंगा, किसानों की जीत होने के बाद ही घर आऊंगा।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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