तहसील न्यायलयों का काम काज आज 14 वें दिन भी चढ़ा बहिष्कार की भेंट
कानून व्यवस्था होती रही तार-तार फिर भी जिला प्रशासन बना रहा भ्रष्टाचार अधिकारियों का खिदमतगार।

नायब तहसीलदार के दुर्व्यवहार से भ्र्ष्टाचार की आरही थी दुर्गंध
भ्रष्टाचार अधिकारियों की मनमानी के खेल में जलेसर के न्यायालयों का काम-काज आज 14 वें दिन भी चढ़ता रहा बहिष्कार की भेंट।
जबकि सूबे में योगी आदित्यनाथ की सरकार है। सूबे के मुखिया भ्रष्टाचारियों और दबंगों पर सख्त रुख अपनाए हुए है, दावों के मुताबिक उत्तर प्रदेश की तहसील जलेसर में कानून व्यवस्था को गृहण लगता दिखाई दे रहा है, यानी सूबे के मुखिया के आदेशों के ठीक उल्टा कार्य कर रहा है तहसील प्रशासन जलेसर जिसे जरा सा भी कानून डर नहीं है।
अधिवक्ता एसोसिएशन जलेसर के अध्यक्ष रामदेव यादव एडवोकेट ने आरोप लगाया कि नायब तहसीलदार विक्रम सिंह चाहर का स्थानांतरण हो चुका है बावजूद प्रशासन रिलीव नहीं कर रहा है जिसे प्रशासन की लापरवाही कहें या नायब तहसीलदार की दवंगयी।
तहसील जलेसर में कुछ अधिकारी तो अभी एक साल का कार्यकाल पूरा नही करपाये है इसका मूलकारण क्या है यह भी जग जाहिर है।
जलेसर तहसील में भ्र्ष्टाचार दबंगों का कहर इस कदर बोल बाला है कि यहां के जिम्मेदार अधिकारी बौना साबित हो रहे हैं।
उपरोक्त नायब तहसीलदार क्षेत्र में लूट-खसूट करने में मसबूल है वहीं तहसील प्रशासन से दुःखी होकर न्यायालयों का वहिष्कार करना पड़ रहा है ।
जलेसर तहसील के जिम्मेदार अधिकारी अपराध और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के बजाय विद्वान अधिवक्ताओं से ही करते हैं अभद्रतापूर्ण व्यवहार।