LEGAL Update
By N K sharma Advocate, High Court, Allahabad.
Mob. no 9410852289
सुप्रीम कोर्ट ने सेवानिवृत्त अधिकारियों पर गिराई गाज। कहा 31 अक्टूबर 2021 से पहले खाली करें सरकारी निवास

⚫सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की बेंच के जुलाई, 2011 के एक विशेष आदेश के खिलाफ यह फैसला सुनाया। इस मामले में आईबी (Investigation Bureau) अधिकारी को फरीदाबाद में ट्रांसफर कर दिया गया था, वहां उन्हें एक सरकारी निवास आल्लोट किया गया था। हालांकि, उस अधिकारी को 31 अक्टूबर, 2006 में आईबी (Investigation Bureau) से सेवानिवृत्त कर दिया गया था लेकिन उन्होंने अपना आवास नहीं छोड़ा था।
????जिसके समर्थन में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने कहा था कि सेवानिवृत्त अधिकारी का अपने राज्य में लौटना संभव नहीं है, जिस वजह से, आवास खाली कराए जाने का आदेश स्थगित रखा जाएगा। केंद्र द्वारा, हाई कोर्ट के इस फ़ैसले को चुनौती देने के लिए, सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी।
????सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ द्वारा, केंद्र की अपील को मंजूर करते हुए, हाई कोर्ट के इस आदेश को रद्द कर दिया गया। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकारी आवास,केवल सेवारत अधिकारियों के लिए है न कि परोपकार और उदारता के रूप में सेवानिवृत्त लोगों के लिए।
????शीर्ष कोर्ट ने यह भी कहा कि आश्रय के अधिकार का मतलब सरकारी आवास पर अधिकार नहीं होता। जिसके बाद कोर्ट ने केंद्र को, न केवल आईबी (Investigation Bureau) के सेवानिवृत्त अधिकारी को, बल्कि बाकि के सरकारी सेवानिवृत अधिकारी, जिन्होंने अभी तक आवास को नहीं छोड़ा है, उन्हें 31 अक्टूबर, 2021 या उससे पहले परिसर को खाली करके, उसपर कब्ज़ा करने का निर्देश दिया है। साथ ही साथ, 15 नवम्बर, 2021 तक इस कार्यवाही से जुड़े रिपोर्ट्स को कोर्ट के सामने पेश करने का भी आदेश दिया है।