स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के लिए शिक्षकों को किया जा रहा प्रशिक्षित

स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के लिए शिक्षकों को किया जा रहा प्रशिक्षित –
एटा,

आयुष्मान भारत के अंतर्गत राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम द्वारा स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण की शुरुआत की गई है। कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यालयों के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्कूल जाने वाले बच्चों में स्वास्थ्य एवं स्वच्छता संबंधी जागरूकता व स्वास्थ्य गतिविधियों द्वारा बच्चों को प्रोत्साहित किया जाएगा। कार्यक्रम के तहत प्रत्येक विद्यालय से दो शिक्षकों को हेल्थ एंड वैलनेस एंबेस्डर के रूप में नामित किया गया है।इन शिक्षकों को स्वास्थ्य व्यवहार को बढ़ावा देने और रोगों की रोकथाम के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ उमेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि जिले में बुधवार से आयुष्मान भारत कार्यक्रम के अंतर्गत स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के लिए ब्लाक स्तर पर चार दिवसीय प्रशिक्षण सत्र में हेल्थ एंड वैलनेस एंबेस्डर्स( शिक्षक) के प्रशिक्षण की शुरुआत की गई है। जिले में कुल चार सत्रों में 678 विद्यालयों के 1356 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह शिक्षक हेल्थ एंड वैलनेस एंबेस्डर के रूप में कार्य करेंगे। हेल्थ एंड वैलनेस एंबेस्डर प्रत्येक सप्ताह एक घंटे रोचक गतिविधियों के माध्यम से स्वास्थ्य व्यवहार व रोगों की रोकथाम के लिए बच्चों को प्रशिक्षित करेंगे। विद्यालय में प्रत्येक बुधवार को हेल्थ एंड वैलनेस डे का आयोजन किया जाएगा।

ब्लॉक निधौली कलां में स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के प्रशिक्षण के दौरान डॉक्टर रमेश राजपूत में बताया कि स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षण में मुख्य रूप से शारीरिक विकास, भावात्मक दृढ़ता, मानसिक स्वास्थ्य, नैतिक मूल्य एवं नागरिक, लिंग समानता, पोषण स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, मादक पदार्थों से बचाव एवं उपचार, स्वस्थ जीवन शैली को प्रोत्साहन, चोट एवं हिंसा से सुरक्षा, इंटरनेट एवं सोशल मीडिया का सुरक्षित उपयोग आदि विषयों पर चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही प्रजनन स्वास्थ्य और एचआईवी की रोकथाम पर प्रशिक्षण भी इसमें शामिल हैं।

आरकेएसके कंसलटेंट अर्चना देवी ने बताया योजना का उद्देश्य स्कूलों में बच्चों को स्वास्थ्य व पोषण के बारे में उचित जानकारी प्रदान करना,बच्चों के बीच स्वास्थ्य व्यवहार को बढ़ावा देना,कुपोषित और एनीमिया से पीड़ित बच्चों की पहचान करना व बच्चों व किशोरों में रोगों का जल्द पता लगाना व उनका इलाज करना, स्कूलों में सुरक्षित पेयजल के उपयोग को बढ़ावा देना साथ ही योग व ध्यान को बढ़ावा देना आदि है।

ब्लॉक निधौली कला में ट्रेनिंग के दौरान ट्रेनर के रूप में डॉ रमेश राजपूत,ए.आर.पी. असित द्विवेदी, काउंसलर शिद्रा युनिस व शिक्षकगण आदि मौजूद रहे।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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