
!!.वीर हनुमान जी का दरबार बना न्याय की अदालत, मुगलों एवं अंग्रेजों के काल से डाकू समस्या के लिए जाना जाता चंबल: पुलिस व कोर्ट कचेरी ना जाकर मंदिर में होता झगड़ों का समाधान, झूठ बोलने वालों को भोगना पड़ता प्रतिफल.!
भोपाल l चंबल का उल्लेख तो महाभारत काल में भी हुआ है। इसके अभिशप्त होने को उससे भी पहले राजा रंतिदेव के समय से जोड़ा जाता रहा है। शुरू से ही बगावत को शरण देने वाले माने जाते रहे इसके बीहड़ों में दिल्ली से भाग कर आए हुकाह अपराधियों ने भी शरण पाई थी। मुगलों और अंग्रेजों के काल से डाकू समस्या के लिए इसे जाना जाने लगा था। चंबल अंचल में महाराजा खलक सिंह जूदेव की नगरी की नगरी खनियाधाना में मंशापूर्ण हनुमान जी का विशाल मंदिर टेकरी सरकार मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र होने के साथ साथ आपसी विवादों का समाधान करने के लिए जाना जाता है l शिवपुरी जिले में खनियाधाना के लोग विवाद होने पर कोर्ट और पुलिस थाना में जाने के पहले टेकरी सरकार मंदिर पहुंचते हैं और आपसी विवादों को समझाते हैं l मान्यता है कि बातचीत के माध्यम से न्याय मिल जाता है l लोग बताते हैं कि टेकरी सरकार मंदिर में कोई भी व्यक्ति झूठ नहीं बोलता और ना ही झूठी कसमें खाता है l मंदिर पूजा पाठ के साथ ही न्याय का केंद्र है l क्या जनता की आपसी विवाद आसानी से सुलझ जाते हैं l आज भी लोग अपने आप आपसी विवाद लेकर आते हैं और कसमें खा कर चले जाते हैं फिर उन लोगों में विवाद होता है l किसी भी लालच और कारणबस झूठ बोलने व्यक्ति को उसका प्रतिपल भोगना पड़ता है l आज भी ऐसी मान्यता है l मंदिरों में विवादों का समाधान होता है l